सभी मित्रों को होली की शुभकामनाएं
ग़ज़ल
जी भर के चल प्यार करें हम होली में।
रंगों की बौछार करें हम होली में।।
रोज झगड़ते ही रहते हैं हम दोनों।
आंखों को अब चार करें हम होली में।।
ईद दिवाली साथ मनाते आए हैं।
नाहक क्यों तकरार करें हम होली में।।
गोली नफरत हिंसा मक्कारी कब तक।
गुझिया का व्यापार करें हम होली में।।
जिसकी खातिर जान गंवाई बापू ने।
सपना वो साकार करें हम होली में।।
लीडर वो जो भरमाते लड़वाते हैं।
ऐसों को संगसार करें हम होली में।।
राज दिलों पर अब तक करते आए हैं।
गुरबत का उद्धार करें हम होली में।।
आंगन-आंगन खुशबू से हम महकाएं।
हर घर को गुलजार करें हम होली में।।
'दर्द' बने नासूर हमारे हैं यारों।
जख्मों का उपचार करें हम होली में।।
दर्द गढ़वाली, देहरादून
09455485094
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