एस एम जे एन कालेज में आजादी का अमृत महोत्सव




‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पखवाड़े के अन्तर्गत :

देशभक्ति गीतों ने हमेशा राष्ट्रीय आन्दोलन को दी है संजीवनी: डाॅ. बत्रा 

काॅलेज में किया गया ‘आजादी के मतवाले’ संगीत कार्यक्रम आयोजित 

हरिद्वार 20 मार्च, (आकांक्षा वर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार)  एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज में आज ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पखवाड़े के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं द्वारा ‘आजादी के मतवाले’ संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संगीत कार्यक्रम में कु. सेजल ने ‘ऐ मेरे प्यारे वतन’, नितिन ने कविता, ऋषिता ममगाई ने ‘तेरी मिट्टी में मिल जावा’, गौरव वर्मा ने कविता ‘ये तपती धूप हमें तपा नहीं सकती’, निखिल पाण्डे ने ‘तलवारों पे सर वार दिये’, स्तुति गोयल व अनुष्का ने ‘शहीदों तुम्हारा कितना बड़ा कलेजा’, श्रेष्ठ ने ‘मेरे वतन आजाद रहे तू’, नेहा वर्मा ने ‘जिस वतन के वास्ते लाखों’, आरती रावत ने ‘देवी देहनी बलं’, गगनदीप ने देशभक्ति गीत, गौरव बंसल ने वैष्णव जन तो तेने कहियो’, आमिर ने ‘मेरा मुल्क मेरा देश’, विशाल कविता, मुकुल ने ‘लुका-छिपी’, अन्नया भटनागर ने ‘मैं रहूं या ना रहूं’, खुशी ने ‘तेरा जलवा’, राधिका ने ‘ये देश है वीर जवानों का’, मुस्कान ने ‘देश रंगीला’, वैष्णोपरी ने ‘तेरी मिट्टी’ देशभक्ति गीत प्रस्तुती व निक्की, देवीशा पंचोली, तनवी, खुशी ने देशभक्ति गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित छात्र छात्राओं  को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनायें देते हुए सुभद्रा चौहान द्वारा रचित कविता ‘खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी की काव्यात्मक  प्रस्तुति से सभी को भाव विभोर कर देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत किया । डाॅ. बत्रा ने कहा कि देशभक्ति गीतों ने हमेशा से राष्ट्रीय आन्दोलन को संजीवनी दी है। इनमें हम सभी तों वन्दे मातरम्, रंग दे बसंती चोला, मेरे देश की धरती सोना उगले और सोने की चिड़िया आदि देशभक्ति गीत सुनकर बड़े हुए हैं। कार्यक्रम का संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी द्वारा किया गया। 

इस अवसर पर डाॅ. सरस्वती पाठक, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, श्रीमती रिंकल गोयल, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. सुगन्धा वर्मा, श्रीमती रिचा मिनोचा, डाॅ. निविन्धया शर्मा, श्रीमती, साक्षी अग्रवाल, डाॅ. प्रज्ञा जोशी, नेहा गुप्ता, डाॅ. पदमावती तनेजा, श्रीमती स्वाति चोपड़ा, नेहा सिद्दकी, विनीत सक्सेना, अंकित अग्रवाल, मोहन चन्द्र पाण्डेय आदर्श कश्यप, गौरव वर्मा,देविशा पंचोली, निक्की शर्मा  आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

No comments:

Post a Comment

Featured Post

दयालबाग शिक्षण संस्थान को मिली होम्योपैथिक कॉलेज के रूप में मान्यता

  दयालबाग शिक्षण संस्थान को  मिली  होम्योपैथी कॉलेज की मान्यता होम्योपैथी का इतिहास और समकालीन महत्व होम्योपैथी का इतिहास 18वीं शताब्दी के अ...