निसंदेह पिछला वर्ष करोना के कारण अनेक परेशानियों का कारण बनाl अलग-अलग लोगों ने अपने दृष्टिकोण और से अलग-अलग क्षेत्रों में हुई हानियों को दर्शाया
परंतु शिक्षा के दृष्टिकोण से छात्रों के जीवन पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ा l जहां एक और जूनियर हाई स्कूल लेवल तक अधिकांश परिवार का शिक्षित व्यक्ति अपने बच्चों का ऑनलाइन टेस्ट देते नजर आयाl वही विद्यार्थी पूरे साल भर निश्चिंत नजर आए l जिसका प्रभाव आगामी वर्ष में नई कक्षा में प्रवेश पाने पर साफ नजर आएगाl
यह चिंता का विषय यह है कि क्या शिक्षा विभाग ने आगामी पाठ्यक्रम में शिक्षकों को कुछ दिशा निर्देश दिए हैं, जिससे कि पिछले वर्ष हुई हानि की पूर्ति की जा सकेl
इसके इसके विपरीत हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के अधिकांश छात्रों ने अवसर का फायदा उठाकर इंटरनेट यूट्यूब एवं ट्यूशन माध्यमों से जमकर पढ़ाई की, जिसका की रिजल्ट आगे आने वाले बोर्ड की परीक्षाओं में साफ नजर आएगाl
उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए अधिकांश स्कूल अपने आगामी सत्र को अति शीघ्र चालू करने व छात्रों की पढ़ाई में ज्यादा ध्यान लगाने पर विचार कर रहे हैं जो एक सकारात्मक लक्षण हैंl
इसका एक उदाहरण दिनांक 9 मार्च 1921 को जेईई मेंस के रिजल्ट आने के उपरांत अच्छे अंक पाने वाले छात्रों में उल्लास के रूप में दिखाई दिया
इसी कड़ी में आनंद स्वरूप आर्य सरस्वती विद्या मंदिर रुड़की के कक्षा 12 के छात्र सिद्धांत कश्यप पुत्र श्री राकेश कश्यप द्वारा 92% मार्क्स प्राप्त करने पर लोहानी कोचिंग क्लासेस में अपने मित्रों एवं अध्यापक के साथ खुशी के क्षणों को इस प्रतिज्ञा के साथ कि आगामी परीक्षा में अपने स्कूल एवं माता पिता के अरमानों को पूरा करेंगे
अनिल लोहानी संवाददाता गोविंद कृपा रूडकी
No comments:
Post a Comment