महिला दिवस पर शुभकामनाएं



यत्र नारयेस्तु पूज्यन्ते, रमनते तत्र देवता (8मार्च विश्व महिला दिवस पर विशेष) समाजसेवी लक्ष्मी राजन सिंह "ओजस्वी " पुणे 

पुरूष व महिला समानता के लिए प्रति वर्ष 8 मार्च को विश्व महिला सशक्तिकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है , परन्तु इस तथ्य से बहुत कम लोग अवगत हैं कि इस महिला दिवस की शुरुआत वर्ष 1908 में अमेरिका के शहर न्यूयॉर्क में हुई थी । महिलाओं ने उस समय अपने काम के घंटे कम करने और पुरूषो के समान वेतन और वोट डालने की मांग की थी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आज महिलाऐ हर क्षेत्र में नित नयी ऊँचाईयो को छूँ रही है अपनी अद्भुद योग्यता और क्षमता का प्रदर्शन कर रही है जो उल्लेखनीय और  सराहनीय है। भारत के प्राचीन इतिहास पर नजर डाले तो  भारत में बहुत सी विदूषी महिलाऐ हुई हैं जिनमें अपाला, घोषा, सावित्री, विदोत्तमा, गार्गी, अनुसूईया, का नाम बड़ी श्रद्धा के साथ लिया जाता है। महिला दिवस का मुख्य उद्देश्य महिला और पुरूषो में समानता बनाऐ रखना है उन्हें अपने अधिकार पाने के लिए जागरूक करना है उन्हें अपने अधिकार पाने के लिए पुरूष प्रधान समाज में संघर्ष करना सीखाना है जिससे वे बचती है और चुपचाप अन्याय सहती है


आज भी दुनिया के कयी देशों में महिलाओं को पुरूषो के समान अधिकार नही है भारतीय संविधान में महिलाओं को पुरूषो के समान अधिकार दिये गए हैं लेकिन विडम्बना है कि आज भी महिलाओं को पुरूषो के समान अवसर, कार्य में समानता नहीं मिलती है उन्हें भेदभाव और सामाजिक स्तर में समानता नहीं मिलती। लोकतंत्र में महिला प्रधान, ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष जैसे पदों पर सरकार के दिये आरक्षण के कारण काबिज तो हो जाती है लेकिन वास्तविक सत्ता उनके पतियो के हाथ में होती है। हम बेटी बचाओ, बेटी पढाओ की बात तो करते है लेकिन वास्तविकता यह है कि हमे आज भी बेटे की ही इच्छा होती है। आज के दिन हमे अपनी बेटियों को शिक्षित और संसकारी बनाने के साथ साथ स्वाभिमानी और आत्मरक्षा में निपुण बनाने का संकल्प लेना होगा तभी हर दिन महिलाओं के सशक्तिकरण और शक्ति का दिन होगा।

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