गर्भवती माँ को पौष्टिक आहार न मिलने पर बच्चे हो जाते है विकलांग

 हरिद्वार 22 मार्च (सरदार गुरवीन्द्र सिंह समाजसेवी मुरादाबाद) 



  कभी-कभी सृष्टि के नियंता से शिकायत करने का मन करता है जब कोई ऐसा प्रकरण सामने आता है जैसे आज ऋषिकुल हरिद्वार में चल रहे नेत्र शिविर में एक बेटी रूपा मिली जिसके पिता जगदीश मजदूर और मां कमलेश घरों चौका बर्तन आदि कर किसी तरह अपनी गृहस्थी चला रहे हैं यह परिवार हरिद्वार में प्राइमरी स्कूल के पास, संजय नगर कालोनी, टीबरी, का निवासी है, इस परिवार में आज से 19 वर्ष पूर्व रूपा बेटी ने जन्म लिया था जिसकी आज भी लंबाई 4 फीट से कम है, यह बचपन से ही कॉन्जनाइटल माइक्रो कॉर्निया (अर्थात आंख की पुतली का साइज़ बहुत छोटा होना) की शिकार है और दृष्टि बाधित है, इस परिवार में पांच बेटियां हैं, शायद इस बच्ची को मां के गर्भ में पौष्टिक आहार नहीं मिल पाया हो, जिसके कारण इसकी नॉर्मल ग्रोथ नहीं हो पाई और इसी कारण से इसकी आंख की पुतली जरूरत से ज्यादा छोटी है,आज कैंप में जब मैंने इसे लाइन में खड़े हो पाया तो मेरा मन हुआ कि मैं इस बिटिया से बात करूं, जब बात की तो बिटिया ने बताया कि कि मेरी आंखे बचपन से ही ऐसी है जब परिवार के बारे में पूछा तो उसने बताया कि हम पांच बहने हैं और आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है!

मुझे लगता है कुपोषण के कारण ही इस बेटी का पूर्ण रूप से विकास नहीं हो सका। हम इसके इलाज का भरसक प्रयास कर रहे हैं बाकी प्रभु के हाथ में है ।🙏

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