*मंत्री के अनुमोदन के बाद अशासकीय महाविद्यालयों के कार्मिकों को मिला दो वर्ष का एरियर*
*वित्तीय वर्ष 2016 से 2018 के देय एरियर भुगतान का शासनादेश जारी*
*डीएवी, डीबीएस एवं एसजीआरआर काॅलेज के कर्मियों को सर्शत दिया माह दिसम्बर का वेतन*
देहरादून, 01 अप्रैल(जे के रस्तौगी संवाददाता गोविंद कृपा देहरादून) उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के अनुमोदन के उपरांत प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का दो वर्ष का एरियर भुगतान कर दिया गया है। डा. रावत ने बताया कि अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के कर्मचारियों का एरियर रूका हुआ था। जिसकी मांग लम्बे समय से सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के कर्मचारी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा निदेशालय के सारे रूके बिल पास कर दिये गये है। इसके साथ ही डीएवी, डीबीएस एवं एसजीआरआर पीजी काॅलेज के कर्मचारियों का माह दिसम्बर का रूका वेतन भी सशर्त जारी कर दिया गया है। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के कर्मचारियों का वित्तीय वर्ष 2016 से वित्तीय वर्ष 2018 के देय एरियर का भुगतान कर दिया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के अनुमोदन के बाद इस बावत शासन द्वारा शासनादेश जारी हो गया है। उच्च शिक्षा मंत्री डा. रावत के मुताबिक अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के पुनरीक्षण के उपरांत दो वर्ष का एरियर भुगतान कर लिया गया है। इसका लाभ करीब 458 शिक्षकों के अतिरिक्त सैकड़ों शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अशासकीय महाविद्यालय को सहायता अनुदान एवं कर्मचारियों के वेतन भत्ते के तौर पर रूपये 27 करोड़ 41 लाख जारी कर दिये हैं। जो कि चालू वित्तीय वर्ष के अंतर्गत दिया गया।
इसके साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री के अनुमोदन के उपरांत विभागीय जांच का सामना कर रहे 03 अशासकीय महाविद्यालयों का माह दिसम्बर का वेतन सशर्त जारी किया गया। जिसमें डी.ए.वी. पीजी काॅलेज देहरादून, डी.बी.एस. पीजी काॅलेज देहरादून एवं एस.जी.आर.आर. पीजी काॅलेज देहरादून शामिल हैं। आदेश में बताया गया कि तीनों महाविद्यालयों के खिलाफ शिकायतों के तहत जांच जारी है। यदि जांच में शिक्षकों के द्वारा कोविड-19 के अंतर्गत जारी दिशा-निर्देशों के तहत महाविद्यालयों में पढ़ाई नहीं कराई गई तो ऐसे शिक्षकों के अग्रिम वेतन से समायोजित किया जायेगा।
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