हरिद्वार 14 अप्रैल (गोपाल रावत वरिष्ठ पत्रकार)
हरिद्वार कुम्भ मेला का दूसरा शाही स्नान आज बुध्वार की प्रातः शुरू हुआ। निर्धरित क्रमानुसार निरंजनी अखाड़ा,आनंद अखाड़े के सथ तय समय से पहले ही छावनी से हर की पैड़ी के लिए कूच कर गयी। निरंजनी अखाड़े के बाद जूना अखाड़ा के सथ आवाहन,अग्नि,दण्डी बाड़ा,माईबाड़ा तथा किन्नर अखाड़ा भी निर्धारित समय से पूर्व लगभग 8बजे शाही स्नान के लिए छावनी से निकल पड़ा। इस दूसरे शाही स्नान की विशेष बात यह रही कि श्रीनिरंजनी तथा श्री आनंद अखाड़े के सथ साथ जूना आवाहन,अग्नि,दण्डी बाड़ा तथा किन्नर अखाड़े ने तय समय से पहले ही स्नान कर हर की पैड़ी ब्रहमकुण्ड के घाट खाली कर दिए। जूना अखाड़े का नहाने का समय 11बजकर 15मिनट से 11बजकर 45मिनट का था,लेकिन मेला प्रशासन तथा जूना अखाड़े के पदाधिकारियों की चतुर रणनीति के चलते जूना अखाड़े ने 10बजकर45मिनट पर ही स्नान कर घाट खाली कर दिया। दरअसल 12अप्रैल के शाही स्नान मे स्नान के समय को लेकर अव्यवस्था हो गयी थी,जिसके चलते उदासीन अखाड़ा स्नान करने के समय से करीब डेढ़ घण्टा लेट हो गया,जिस कारण अखाड़े के संतो ने धरना दिया और स्नान के बहिष्कार की धमकी दे डाली थी। इस घटना से सबक लेते हुए मेला प्रशासन ने अखाड़ो से समन्वय बनाते हुए व्यवस्था की थी,जिसमे वह पूरी तरह सफल रहा। आज जूना अखाड़े की जमात शाही स्नान के लिए सबेरे लगभग 8बजे दुःखहरण हनुमान मन्दिर में स्थापित ध्र्मध्वजा से स्नान के लिए निकला। जमात में करीब तीन हजार अवध्ूत नागा सन्यासियो ने जब दत्तात्रेय भगवान की डोली तथा पूज्य देवता सूर्य प्रकाश भैरव प्रकाश भालों को लेकर हर हर महादेव के जयघोष से पूरा वातावरण गंूज रहा था। नागा सन्यासियों की फौज के पीछे जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज का शानदार रथ चल रहा था,जिसके पीछे सुमेरू पीठाधीश्वर शंकराचार्य नरेन्द्रानंद सरस्वती,चाॅदी के सिंहासन पर विराजमान थे। इसी क्रम में महामण्डलेश्वर अर्जुनपुरी महाराज,जगद्गुरू पंचानन्द गिरि,महामण्डलेश्वर आत्मप्रकाश यति,महामण्डलेश्वर यतिन्द्रानंद गिरि,महामण्डलेष्वर स्वामी नैसर्गिका गिरि,महामण्डलेश्वर महेन्द्रानंद गिरि,महामण्डलेश्वर जयअम्बानंद गिरि,महामण्डलेश्वर हिमायनयोगी वीरेन्द्रानंद गिरि,महामण्डलेश्वर विमलगिरि,महामण्डलेश्वर अन्नपूर्णानंद गिरि,निर्माण सचिव श्रीमहंत शैलजा गिरि,श्रीमहंत विजय गिरि,आदि भव्य रथों पर सवार होकर चल रहे थे। उनके पीछे आवाहन,अग्नि तथा किन्नर अखाड़े चल रहे थे। पूरे शाही जमात को समय से तथा सुरक्षित रूप से ले जाने की व्यवस्था अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि ने संभाल रखी थी। बीती रात ही उन्होने अखाड़े के पदाधिकारियों सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती,सचिव श्रीमहंत मोहन भारती,श्रीमहंत महेशपुरी,श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि,वरिष्ठ महामत्री श्रीमहंत केदारपुरी, थानापति नीलकंठ गिरि,दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि को शाही जुलूस की जिम्मेदारी सौप दी थी। बुधवार को स्नान के समय श्रीमहंत हरिगिरि महाराज पूरे समय हर की पैड़ी ब्रहमकुण्ड पर व्यवस्था संभालने के लिए मौजूद रहे और निर्धारित समय में स्नान करवाकर सभी की वापिसी के लिए रवाना कर घाट खाली कराकर जमात के साथ ध्र्मध्वजा पहुचे,जहां दत्तात्रेय चरणपादुका पर पुकार की गयी। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज,श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज,श्रीमहंत मोहन भारती,श्रीमहंत महेषपुरी,श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती,श्रीमहंत उमाशंकर भारती ने सकुशल स्नान सम्पन्न हो जाने पर मेला प्रशासन को बधाई देते हुए उनके कुशल प्रबंधन की सराहना की।
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