भारत की प्रचीन संस्कृति, मान्यताओ, व्यवस्थाओ के पुनर्जागरण का अभियान हैं कुम्भ संदेश यात्रा :-श्रीनिवासन रेड्डी
हरिद्वार 3 अप्रैल (विरेन्द्र शर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार)
कन्या कुमारी से विभिन्न कुम्भ तीर्थस्थानो का भ्रमण करते हुए हरिद्वार पहुँची कुम्भ संदेश यात्रा को लेकर पत्रकार वार्ता के माध्यम से इस आयोजन के विषय में जानकारी देते हुएमिशन इक्यावन -इक्यावन के कार्यकारी अध्यक्ष एम श्री निवास रेड्डी ने बताया कि ग्रामोदय संस्था के तत्वावधान में कुम्भ संदेश यात्रा का आयोजन भारत की प्राचीन संस्कृति, मान्यताओ और व्यवस्थाओ के पुनर्जागरण का अभियान हैं जिसके अन्तर्गत हम कन्या कुमारी से सात हजार किलोमीटर की यात्रा कर दिल्ली पहुँचें वँहा से हरिद्वार पद यात्रा करके पहुँचे है उनहोने कहा कि हमे आजाद हुए 72 साल से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन हम आज भी अग्रेजी कलैंडर के अनुसार चल रहे है जब की हमारा भारतीय पंचांग हजारों वर्ष प्राचीन है कुम्भ संदेश यात्रा इसी प्रकार की सामाजिक, शैक्षिक विसंगतियों की ओर जनजागरण का प्रयास है। ए मधुसूदन और डी वसंत ने कहा कि भारत की ग्रामीण अर्थ व्यवस्था आत्मनिर्भर भारत की सशक्त तस्वीर पेश करती थी जिसका दो सौ वर्षो की गुलामी में पतन हो गया है। हम उसी आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करना चाहते हैं।कुम्भ संदेश यात्रा के प्रवक्ता आचार्य अविनाश राय ने कहा कि हम भारत की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती तक आत्मनिर्भर, आधुनिक और भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत समृद्ध भारत की परिकल्पना करते है उसीको सकार करने का प्रयास कुम्भ संदेश यात्रा है। उनहोने बात कि कल रविवार को दिव्य प्रेम सेवा मिशन के प्रांगण में चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ होगा साथ ही संतजनो, विशिष्टजनो के साथ विचार विमर्श कर कुम्भ संदेश यात्रा के उद्देश्यो के प्रति सहमति बनानी है और भारत माता को परम वैभव तक पहुँचने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना है।
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