करोना काल में भारत विश्व शक्ति के रूप में उभरा


 करोना एक अभिशाप (अनिल लोहानी संवाददाता गोविंद कृपा रूडकी) 

 यद्यपि करोना का प्रभाव समाज के प्रत्येक वर्ग एवं प्रत्येक क्षेत्र  पर पड़ा है परंतु इससे देश की अर्थव्यवस्था एवं शिक्षा के क्षेत्र में काफी नुकसान पहुंचा हैl

 केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों के मध्य परस्पर सहयोग एवं विचारों के आदान-प्रदान के कारण भारत में इस महामारी को पूरी तरह पांव पसारने की इजाजत नहीं मिल पाई साथ देश के वैज्ञानिकों  एवं डॉक्टरों द्वारा समय-समय पर नए शोध के कारण काफी हद तक इस पर नियंत्रण किया जा सकाl

 करोना  के संघर्ष में भारत एक विश्वव्यापी शक्ति के रूप में भी उभरा है जहां एक और देश में प्रथम बार  विकसित देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस महामारी से लड़ने हेतु दवाई का आविष्कार किया वहीं दूसरी ओर विश्व बंधुत्व की परिभाषा को परिभाषित करते हुए संपूर्ण विश्व को इस संकट की घड़ी में उभारने हेतु दवाइयां भी उपलब्ध कराईl

भारत एक और जहां विश्व गुरु के रूप में  स्वीकार किया जा रहा है वही अपने मानवतावादी विचारधारा के कारण संपूर्ण विश्व की आंखों में आशा की किरण के रूप में भी देखा जा रहा हैl

 यद्यपि संकट की इस घड़ी में देश के अधिकांश लोगों ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं देश के गणमान्य एवं शुभचिंतक नागरिकों का भव्य अभिवादन किया उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का कष्ट सहते हुए भी सच्चाई से पालन किया जोकि भारत की एकता एवं कुछ कर गुजरने की क्षमता को प्रदर्शित करता हैl

यह हमारे देश की कार्यकुशलता एवं क्षमता को प्रदर्शित करता है कि इस कठिन परिस्थितियों में भी देश सुचारू रूप से सबको साथ लेकर चल रहा है साथ ही साथ सभी कार्य सुचारू रूप से चल रहे हैं यद्यपि प्रजातंत्र की विशेषताओं के अनुसार समय-समय पर समाज के कुछ लोगों द्वारा कई प्रश्न चिन्ह भी लगाए गए परंतु देश में उनके सही विचारों को स्वीकार करते हुए उचित कदम भी उठाएl

  इन विषम परिस्थितियों में शिक्षा पर मुख्य रूप से विद्यार्थियों के जीवन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पढ़ रहा है जहां एक और केंद्र और राज्य सरकारों को मजबूरन बिना परीक्षा के विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रमोट करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर वे विद्यार्थी जो इस विकट परिस्थितियों में  अपने लक्ष्य की प्राप्ति हेतु घर में सरकार द्वारा उपलब्ध ऑनलाइन क्लासेस ,ट्यूशन एवं परिवार के शिक्षित लोगों से सहायता लेकर निरंतर पढ़ते रहे उन्हें अब अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है अतः सरकार को चाहिए कि जैसे ही परिस्थितियां सामान्य हो विद्यार्थियों का शिक्षा का स्तर बढ़ाने हेतु अपने स्तर पर उचित कदम उठाएंl

 दूसरी और ऐसे विद्यार्थी जो कि पूरे साल पढ़ाई नहीं कर पाए, जिन्हें पिछली कक्षाओं का पूर्ण ज्ञान भी नहीं है ,अगली कक्षा में प्रवेश पाने पर बहुत खुश नजर आ रहे हैं 

शिक्षण संस्थानों से नर्म निवेदन है कि ऐसे विद्यार्थियों का चयन कर उन पर अधिक परिश्रम करके उनके स्किल लेवल को बढ़ाने का प्रयास किया जाए ताकि भविष्य में उन्हें अपनी जीविका हेतु संघर्ष ना करना पड़ेl

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