कुम्भ के लिए अखाडो को भूमि आवंटन हुआ शुरू

 कुम्भ मेला के पहले दिन सन्यासी अखाड़ो सहित दस अखाड़ो को भूमि आवंटित

हरिद्वार 1अप्रेल (गोपाल रावत वरिष्ठ पत्रकार) 


अखाड़ा परिषद की लगातार माॅग के बाद कुम्भ मेला प्रशासन ने जमीन आवंटित कर दी है। मेला काल आरम्भ होने के पहले दिन आखिरकार मेला प्रशासन की ओर से सात सन्यासी अखाड़ों सहित दस अखाड़ो को कुम्भ मेला के लिए जमीन आवंटित कर दी है। जमीन आवटित किये जाने के बाद अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं महामंत्री ने मुख्यमंत्री एवं मेला अधिकारी का आभार जताया है। जमीन आवंटन होने के बाद अखाड़ो के प्रतिनिधियों व मेला प्रशासन के अधिकारियों ने गंगा जी की पूजा अर्चना की। वही बैरागी अखाड़ो के संतो द्वारा अपर मेलाधिकारी के साथ कथित मारपीट के मामले पर चिन्ता जाहिर करते हुए अखाड़ा परिषद के मेला काल के लिए संतो की एक समिति गठित करने का निर्णय भी लिया है। बताते चले कि पिछले कई दिनों के सात सन्यासी अखाड़ो के साथ साथ उदासीन एवं निर्मल अखाड़ो द्वारा सरकार से कुम्भ मेला के लिए जमीन आवंटन की माॅग की जा रही थी, इस मामले में कुम्भ मेला के पहले दिन आखिरकार मेला प्रशासन ने सात सन्यासी अखाड़ो के अलावा बड़ा अखाड़ा उदासीन,नया अखाड़ा उदासीन तथा निर्मल अखाड़ा को नीलधारा टापू एवं गौरीशंकर द्वीप में जमीन आवंटित कर दी है। इस सम्बन्ध में मेला प्रशासन के अधिकारियों ने अखाड़ा के प्रतिनिधियों को स्वीकृति पत्र सौप दिया। इसके साथ ही सन्यासी अखाड़ों को भू-समाधि के लिए भू-खण्ड आवंटित किये जाने सम्बन्धी पत्र भी सौप दिया। गुरूवार दोपहर बाद अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि,महांमंत्री व जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि,महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी,श्रीनिरजनी अखाड़े के सचिव व मंशादेवी मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविन्द्रपुरी के साथ मेलाधिकारी दीपक रावत तथा अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह ने नीलघारा टापू व गौरीशंकर द्वीप पहुचकर जमीन का मुआयना किया। अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि ने जमीन आवंटित किये जाने पर मुख्यमंत्री एवं मेलाधिकारी का आभार जताया। महामंत्री श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि ने जमीन आवंटन के निर्णय को सही बताते हुए कहा कि मेलाकाल प्रारम्भ होने के पहले दिन अखाड़ों को जमीन आंवटित कर शासन ने कुम्भ मेला को सफल एवं भव्य बनाने की दिशा में पहली बार ठोस कदम बढ़ाया है। उन्होने कहा कि अब मेला निश्चित तौर पर दिव्य और भव्य होगा। इसके बाद अध्यक्ष महामंत्री के साथ सभी अखाड़ो के प्रतिनिधियों के साथ मेला प्रशासन के अधिकारियों ने  गंगा की पूजा अर्चना कर कुम्भ मेला के सकुशल होने की कामना की। दूसरी ओर अपर मेलाधिकारी के साथ बैरागी संतो द्वारा मारपीट एवं बदतमीजी किये जाने के मामले में अखाड़ा परिषद ने संतो की एक समिति गठित करने का फेसला किया है,समिति में सभी अखाड़ो के प्रतिनिधि शामिल होगे। समिति अपर मेलाधिकारी के साथ मारपीट के मामलो की जांच करने के साथ साथ कारणों का पता लगायेगा। के इन अखाड़ो के प्रतिनिधियों की एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही बैरागी संतो द्वारा अभद्र व्यवहार करने के कारणों को मालूम किया जा सके।


बैरागी अखाडा के संतो ने की अपर मेलाधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार,मारपीट

हरिद्वार। बैरागी क्षेत्र में अव्यवस्थाओं से नाराज बैरागी संतो ने अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए पिटाई कर दी है, बीच-बचाव करने आए पुलिसकर्मियों को भी गुस्सेए संतों ने नहीं छोड़ा, हरवीर सिंह निर्मोही अखाड़े में संतो के साथ मुलाकात करने पहुंचे थे तभी कुछ संत भड़क गए और मारपीट शुरू कर दी, हरवीर सिंह के चोटे भी आई हैं फिलहाल मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है और मेला आईजी संजय गुंज्याल मौके पर पहुंच गए हैं। अपर मेलाधिकारी के साथ बदतमीजी किये जाने पर अखाड़ा परिषद के संतो ने नाराजगी जाहिर करते हुए चिन्ता जाहिर की है साथ ही एक समिति के गठन का निर्णय भी लिया है। कुम्भ मेला प्रारम्भ होने के पहले दिन बैरागी अखाड़ों के संतो ने अपर मेलाधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए बदतमीजी कर दी जबकि मेला प्रारम्भ होने के बाद मेला अधिष्ठान पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। बताया जाता है कि अपर मेलाधिकारी मेला की तैयारियाॅ के मामले में बैरागी कैम्प क्षेत्र गये जहां पर निमोही अखाड़ा के संतो ने पहले तो नाराजगी जतायी और बातों बातों में अपर मेलाधिकारी के साथ मारपीट पर उतर आये। अपर मेलाधिकारी के साथ मारपीट के दौरान उनके बचाव के आये अपर मेलाधिकारी के गनर के साथ भी मारपीट कर दी। सूचना मिलते ही मेला आइजी संजय गुज्याल मौके पर पहुचे और स्थिति का आकलन करते हुए अपर मेलाधिकारी को लेकर रवाना हो गये। बताया जाता है कि बैरागी अखाड़ो के संत आधी अधूरी तैयारियों को लेकर नाराज चल रहे थे,शुक्रवार को तीनों बैरागी अखाड़ो की धर्म ध्वजा स्थापित होनी है,लेकिन तैयारियाॅ नही होने से इन अखाड़ों के संतों में नाराजगी है। वही दूसरी ओर यह भी माना जा रहा है कि मेला प्रशासन द्वारा अन्य दस अखाड़ो को जमीन आवंटित किये जाने की सूचना के बाद से इन बैरागी अखाडो के संत नाराज हो गये है।़

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