कुम्भ 2010 की गलती का बैरागी अखाडो ने किया सुधार, जगद् गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज को दिया सम्मान सर्वभौम जगद् गुरु रामानंदाचार्य की पदवी देकर किया कुम्भ 2010 की गलती का सुधार।
कुम्भ 2010 जँहा अपनी दिव्यता और भव्यता के लिए याद किया जा रहा है वहीं उस समय के अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञान दास महाराज ने द्वेषवश जगद् गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज के द्वारा रचित एक पुस्तक पर प्रतिबंध लगाते हुए उन पर 1 लाख का जुर्माना भी लगाया था और उस तथाकथित पुस्तक को जब्त कर लिया था उस वक्त जगद् गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज के लिए ये बड़ा अपमान जनक व्यवहार किया गया था लेकिन राम जी के यँहा देर है अंधेर नहीं। राम मंदिर के फैसले में सारी दुनिया ने जगद् गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज की विद्वता, प्रखर मेधा शक्ति का लोहा माना और 2010 की उस अपमानजनक घटना के बाद जँहा श्रीमहंत ज्ञान दास महाराज हासिये पर चले गए वही जगद् गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज की चँहु ओर जय जयकार हो रही है। बैरागी अखाडो ने देर से ही सही अच्छा निर्णय लिया इस के लिए वे बँधाई के पात्र है। सत्यमेव जयते।
No comments:
Post a Comment