सेवा में
श्री तीरथ सिंह रावत जी
माननीय मुख्यमंत्री जी
उत्तराखंड सरकार
माननीय मुख्यमंत्री जी आपसे निवेदन करते हुए बड़ा कष्ट हो रहा है कि उत्तराखंड सरकार किस प्रकार के अव्यवहारिक निर्णय उत्तराखंड के होटल व्यवसाय ,पर्यटन व्यवसाय एवं तीर्थाटन के प्रति ले रही है आपको मालूम है की संपूर्ण उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था केवल तीर्थाटन एवं पर्यटन के ऊपर ही आधारित है आपने सीधे उसी पर चोट कर दी ,एकाएक निर्णय ले लिया की चार धाम यात्रा स्थगित की जाती है .माननीय मुख्यमंत्री जी यह किस प्रकार का निर्णय है, क्या आप उत्तराखंड के होटल व्यवसायियों से पर्यटन व्यवसायियों से एवं तीर्थाटन से जुड़े तमाम स्टेकहोल्डर से यह कहना चाहते हैं कि उनके लिए अब उत्तराखंड में कोई स्थान नहीं है ,वह अपना बोरिया बिस्तर समेट कर जल्द से जल्द यहां से पलायन कर ले ?क्या यह साेच है आपकी ?क्या चाहते हैं आप? आपके अधिकारी स्वयं तो कभी गोवा, कभी केरल और कभी जम्मू कश्मीर यहां तक कि पड़ोसी राज्य हिमाचल में तफरीह काट रहे हैं, बेहिचक वहां के पर्यटन का मजा ले रहे हैं और यहां आपने यात्रा को स्थगित कर दिया है .क्या मजाक है ? माननीय मुख्यमंत्री जी ,क्या आप इतने भी सक्षम नहीं है कि अपने राज्य के निवासियों की पीड़ा को सुन सके. माननीय मुख्यमंत्री जी आपको समझना पड़ेगा कि
2019 में ट्रेनों का संचालन बंद था तब होटल इंडस्ट्री एवं पर्यटन उद्योग को नुकसान हुआ 2020 कोरोना महामारी में चला गया
2021 का कुंभ का आयोजन गलत अधिकारियों की तैनाती एवं गलत नीतियों के कारण असफल हो गया लिहाजा तीर्थाटन होटल इंडस्ट्री एवं पर्यटन उद्योग नुकसान हुआ.
और अब चार धाम यात्रा स्थगित होने से पूरे उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था खत्म होने के आसार हो गए हैं,
क्या यही आपके निर्णय हैं? क्या इसी को गुड गवर्नेंस कहते हैं? अधिकारी और मंत्री गण एेश काटे और आम जनता दाने-दाने को मोहताज हो जाए ,क्या यही है आप की नीति?
माननीय मुख्यमंत्री जी यदि आप जनहित के बारे में गंभीर हैं तो अविलंब ,कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लाने वाले एवं वैक्सीनेट करा चुके तीर्थ यात्रियों को चार धाम यात्रा के सुगम दर्शन कराने हेतु नई नीति बनाई अन्यथा ना इतिहास और ना यहां की जनता आपको माफ करेगी.
धन्यवाद
निवेदक
सभी तीर्थाटन ,पर्यटन उद्योग एवं होटल इंडस्ट्री से जुड़े हुए स्टेकहोल्डर.।
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