उषा ब्रैको और नगर निगम (विमल कुमार)


 आज कल उषा ब्रेकों प्रकरण सुर्ख़ियों में है आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है सच्चाई क्या है वह तो इसको करने वाले या ईश्वर ही जानता है 

इस सम्बंध में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु आपके समक्ष चिंतन हेतु 

हरिद्वार में माँ मनसा देवी व माँ चंडीदेवी पर यात्रियों की सुविधा हेतु उषा ब्रेकों द्वारा रोपवे सुविधा वर्षों से संचालित की जा रही है और और इसका अपने प्रारम्भ से कुछ ना कुछ विवादों से सम्बंध रहा है 

जब जब इसकी लीज़ अवधि समाप्त होती है और लीज़ का नवीनीकरण होनी होती है तब वर्तमान में नगर निगम पूर्व में नगरपालिका के अध्यक्ष व सदस्यों व उषा ब्रेकों की बीच कुछ राजनीतिक प्रभाव शाली लोग मध्यस्थ की भूमिका निभाकर निर्णय कराते रहे है तब भी आरोप लगते रहे है आज भी लग रहे  है तबभी कोई दोषी नहीं मिला   लगता है पूर्व की भाँति अब भी कोई दोषी नहीं मिलेगा वर्तमान में निगम  व पूर्व में नगरपालिका के सदस्य पूरे वर्ष नगर की व्यवस्था हेतु कभी एक साथ किसी निर्णय पर नहीं पहुँचते केवल एक दूसरे पर दोषारोपण ही करते दिखायी देते है और पूरे वर्ष शहर वासी अपनी दुर्दशा पर चर्चा करने के अलावा इन लोगों की नूरा कुश्ती के समाचार देखने व पड़ने के अलावा कुछ नहीं कर पाते इन्ही सब घटनाओं से समाज का लोकतांत्रिक व्यवस्था पर अविश्वास बड़ता जा रहा है जो भविष्य में नगर. प्रदेश व देश के लिए शुभ संकेत नहीं है और शहर की व्यवस्था पर यदि सभी दलों के सदस्य इतनी ईमानदारी व एकजुट होकर नगर व नगर वसियों के हितों के लिए काम करे तो हरिद्वार पूरे देश का सबसे सुंदर व उच्च स्तरीय सुविधाओं से युक्त नगर बन सकता है परंतु आज किस स्थिति में है यह आप हम सभी भलिभाँति परिचित है 

जिस प्रकार उषा ब्रेकों के प्रकरण में लगभग सभी दलों के अधिकांश सम्मानित सदस्य गण दलीय निष्ठा को दरनिकार कर एक जुट हुए है क्या हरिद्वार की जनता को वचन दे सकते है की भविष्य में नगर हित के लिए भी दलीय व व्यक्तिगत निष्ठा त्याग कर एक जुट होकर सेवा भाव से कार्य करेंगे यदि नहीं कर सकते तो जो कुछ लोग इस समय आरोप लगा रहे है उसकी सत्यता जनता स्वीकार करेगी 

वैसे उषा ब्रेकों क० की योग्यता व प्रबंधन तंत्र की यह सफलता है चाहे नगर निगम में किसी भी दल की सत्ता हो सदस्य किसी भी दल के हो सरकार किसी भी दल की हो उषा ब्रेकों अपने हित में निर्णय कराने की कला में पूरी तरह निपुण है कोई न कोई मध्यस्थ भी  उनको मिल ही जाता है जो सभी दलों के सदस्यों को एक जुट करने में सफल हो जाता है 

एक सुझाव है 

कुछ दिन के लिए प्रयोग के लिए नगर निगम का संचालन का अधिकार उषा ब्रेकों के अधिकारियों व तंत्र को सौंप दिया ज़ाय कम से कम सभी सदस्य एक जुट रहकर उषा ब्रेकों के साथ साथ नगर की जनता के हितों के लिए कार्य कर हरिद्वार की दशा व नागरिकों की दशा में भी बदलाव लाने में सफल होंगे।

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