गायत्री परिवार प्रमुखद्वय की विवाह की स्वर्ण जयंती सादगी से मनी
हरिद्वार ३ जून ( अमर शदाणी संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार)
करोड़ों गायत्री परिवार के आदर्श एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने अपनी विवाह की स्वर्ण जयंती आज उत्साह किन्तु सादगी के साथ मनाई
। इस अवसर पर आयोजित यज्ञ में श्रद्धेयद्वय के अलावा कुछ ही लोग शामिल हुए। यज्ञ में गायत्री महामंत्र एवं महामृत्युजंय मंत्र से आहुतियाँ देते हुए समाजोत्थान के लिए अपना सम्पूर्ण समय होम देने का संकल्प दोहराया। इस दौरान देववृक्ष का एक पौधा का पूजन किया।
वहीं प्रातःकाल शांतिकुंज, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के अनेक कार्यकर्त्ता भाई-बहिनों ने विवाह के पचास साल पूरे होने पर शुभकामनाएँ दी एवं अपने अभिभावकद्वय से आशीर्वाद लिया। नौनिहालों ने पुष्पगुच्छ भेंटकर पुष्प की तरह सुगंध फैलाने की मंगलकामना की। देश-विदेश के गायत्री परिवार के साधकों, संतों, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं के अलावा अनेक राजनेताओं ने भी अपनी-अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं।
नासा द्वारा वैज्ञानिक अध्यात्मवाद के प्रचार-प्रसार के लिए सम्मानित श्रद्धेय डॉ. पण्ड्या ने मेडिकल साइंस की उच्च डिग्री लेने के बाद अपने आराध्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के आदर्श सूत्र को अपनाते हुए सादा जीवन उच्च विचार को अपनाया है। न्यायमूर्ति पिता के दिये संस्कारों को व्यावहारिक जीवन में अंगीकार कर अहंकार शब्द से कोसों दूर हैं। भारतीय संस्कृति के उत्थान के लिए संकल्पित डॉ. पण्ड्या ने सत्तर के दशक में अमेरिका के एक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान से आये प्रस्ताव को विनम्रतापूर्वक अस्वीकार कर दिया था। सौ से अधिक पुस्तकों के लेखक डॉ. पण्ड्या को ज्ञान भारती, हिन्दु ऑफ द ईयर, भाई हनुमान प्रसाद पोद्दार राष्ट्र सेवा सम्मान जैसे अनेक सम्मान प्राप्त हैं। वहीं अखिल विश्व गायत्री परिवार श्रद्धेयद्वय के मार्गदर्शन में समाज सेवा के विभिन्न प्रकल्प चलाये जा रहे हैं। श्रद्धेयद्वय का संकल्प का परिणाम ही है कि कोविड-१९ के बीच भी युवा जागरण शिविर, कन्या कौशल शिविर से लेकर विभिन्न साधना शिविर, व्यक्तित्व परिष्कार शिविर वर्चुअल चलाये जा रहे हैं। वहीं देश-विदेश में हजारों स्थान पर भोजन, राशन व अन्य राहत सामग्रियाँ पहुंचाने से लेकर एम्बुलेंस सेवा एवं चिकित्सा सेवा में जुटे हैं।
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