जवाना सुन रहा था, दास्ता बडे गौर से आप ही सो गए दास्ता कहते-कहते' अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि गुरु जी


 प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि, शिक्षक के एल दिवान नहीं रहे

हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में करते थे साहित्य सर्जन, पंजाब केसरी, हिंद समाचार, अजीत जैसे समाचार पत्र प्रमुखता से प्रकाशित करते थे के एल दिवान जी की कहानीयां, कविताऐ, हाइकु 

दीपशिखा साहित्यक मंच, के माध्यम से नवीन  साहित्यकारो  को सदैव साहित्य सर्जन के लिए करते थे प्रेरित

हरिद्वार 28 जून दीपशिखा साहित्यक मंच के संस्थापक अपनी हृदय को छू देने वाली कहानियों , कठिन बातो को कविता के माध्यम से सहज में ही कह देने वाले लाखो लागो को अपने सरल व्यक्तित्व, ईमानदार छवि से प्रभावित करने वाले के एल दिवान (कृष्ण लाल दिवान) का निधन हो गया है 84 वर्षीय के एल दिवान का बचपन पाकिस्तान में बीता और 1950 के आस पास वे अपने माता पिता के साथ देहरादून आ कर बस गए। हिन्दू, उर्दू, अंग्रेजी में उनकी विशेष पकड थी और इन्ही भाषाओं में उन्होंने साहित्यक सर्जन करना प्रारम्भ किया जो अंतिम समय तक जारी रहा। के एल दिवान  साहित्यकार के साथ साथ उच्च कोटि के शिक्षक थे इस कारण लोग उन्हें गुरू जी कहा करते थे हरिद्वार के श्रवण नाथ नगर के एक विद्यालय से प्रारंभ हुआ उनका शिक्षण कार्य जीवन के अंतिम वर्षो तक जारी रहा। गोविंद कृपा सेवा समिति धर्मार्थ ट्रस्ट की अध्यक्ष अनीता वर्मा ने कहा कि गुरू जी को बच्चो को पढाने में आनंद आता था। ब्रह्म पुरी में ज्ञानोदय एकेडमी स्कूल स्थापित कर वर्षो बच्चों को पढाया आधे से ज्यादा बच्चे खरीफ के कारण फीस नहीं दे पाते थे लेकिन गुरू जी निर्विकार भाव से शिक्षा देने का कार्य जारी रखते थे लोग भी हृदय से उनका सम्मान करते थे। अनीता वर्मा ने कहा कि हमने तो अपना अभिभावक ही खो दिया है। हिन्दू प्रेस जँहा पर उनकी साहित्यक पुस्तकें प्रकाशित होती थी उसके मालिक एवं भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने के एल दिवान जी के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा कि गुरू जी अत्यंत विनम्र, माँ सरस्वती के वरद हस्त पुत्र थे जिन्होंने अपना सारा जीवन साहित्य सेवा और बच्चों को पढाने में व्यतीत कर दिया। अनिरूद्ध भाटी ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि गुरू जी को सरकार, साहित्यक एकडेमियो, ने वो सम्मान नही दिया जिसके वो हकदार थे। उन्होंने कभी किसी को अपनी पैरवी करने को नही कहा, और निष्काम भाव से अपना काम करते रहे। हिन्दू प्रेस परिवार को गुरु जी का जाना व्यक्तिगत क्षति है। के एल दिवान के निधन पर शहर के साहित्यकारो सुशील त्यागी, मीरा भारद्वाज, गांगये कमल ,वरिष्ठ पत्रकार कौशल सिखौला, बिजेन्द्र हर्ष,   शशि शर्मा, रोटरी क्लब कनखल के पदाधिकारीयो डा0 विशाल गर्ग, अशोक सप्रा, विनय कुमार सहित समाज की विभिन्न संस्थाओ ने शोक प्रकट किया है।



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