रिमझिम पड़ी फुहार,
पुलकित हुआ धरती का तन मन,
पंछियों ने भरी उड़ान,
सप्तरंग के इंद्रधनुष से,
नभ धरा का हुआ श्रंगार,
आओ अब मिलकर मनायें,
हरेला त्यौहार।
विश्व पर्यावरण दिवस की,
नकल करना हैं बेकार,
सूख चुके हैं बिन बारिश के,
रोपित किये पौधे हजार,
आओ मिलकर अब मनायें,
हरेला त्यौहार।
आप सब को उत्तराखंड के हरित पर्व "हरेला "की बधाई। आइये धरती को हरा भरा रखने का प्रण ले
(अनीता वर्मा )
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