परमार्थ निकेतन में विजय उत्सव



🇮🇳 *शान्ति भारत का हथियार और एकता भारत ही है ताकत:-स्वामी चिदानंद मुनि 

*ऋषिकेश, 26 जुलाई(अमरेश दूबे संवाददाता गोविंद कृपा ऋषिकेश)


कारगिल विजय दिवस भारत के गौरवमय इतिहास, सेना के जवानों के शौर्य और वीरता की गाथा कहता है, जो 26 जुलाई, 1999 को लिखी गयी थी। यह भारत का अमर और अमिट इतिहास है। ऑपरेशन विजय जवानों ने अपने खून से लिखी अमिट इबारत है, जिसे हमेशा याद किया जायेगा। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने सभी शहीद जवानों के अदम्य साहस एवं बलिदान को नमन करते हुये उन्हें भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।

आज श्रावन माह के प्रथम सोमवार भगवान शिव का अभिषेक करते हुये पूज्य स्वामी जी ने कहा कि यह माह प्रकृति का सौंदर्य, आध्यात्मिक ऊर्जा के संचार और आत्मिक शक्ति के विस्तार का है। श्रावण मास में साधक साधना के माध्यम से अपने अंतर्मन के नाद सुन सकते है, हृदय में भी सत्विकता से श्रद्धा का जन्म होता है। आज जरूरत है श्रद्धा से समर्पण की ओर बढ़ने की, आध्यात्मिकता से आत्मीयता की ओर बढ़ने की तथा शिव साधना के साथ शिवत्व को धारण करने की।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भारत ने जब-जब भी क्रान्ति की वह केवल शान्ति की स्थापना के लिये की परन्तु भारत अपनी संप्रभुता तथा अखंडता से कोई समझौता नहीं करता। हम भारतीय शान्ति और एकता की शक्ति के साथ जीते हैं। शान्ति हमारा हथियार है और एकता की शक्ति हमारी ताकत है। युद्ध तो मानवता के विनाश का उत्तरदाई होता है इसलिये मैत्री और शान्ति का मार्ग ही सबसे श्रेयष्कर है। भारत पीसेस नहीं बल्कि पीस पर विश्वास करता है।

पूज्य स्वामी जी ने कहा कि भारत किसी का प्रतिद्वंदी नहीं बल्कि सभी का संबंधी है परन्तु बात जब भारतमाता के अस्मिता और सम्मान की हो तो हमारे जवान अपनी सीमाओं पर ढ़ाल बनकर जीवटता के साथ तैनात रहते हैं ताकि भारत के गलियारों में हमेशा शान्ति बनी रहे। भारत, शांतिपूर्ण सह अस्तित्व, वसुधैव कुटुंबकम् और सर्वे भवन्तु सुखिनः के सिद्धान्तों पर विश्वास करता है। 

पूज्य स्वामी जी ने कहा कि भारत की सेना अपने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध, और सक्षम है। आपरेशन विजय में सेना ने अभूतपूर्व साहस का परिचय देते हुये विपरीत परिस्थितियों में करगिल की पहाड़ियों पर विजय पताका तिरंगा फहराया।

भारत, आयुध से संपन्न देश हो या न हो परन्तु आध्यात्मिकता से युक्त राष्ट्र है। भारत की संस्कृति, सद्भाव की संस्कृति है। हमारे पास न्यूक्लियर पावर हो या न हो परन्तु स्पिरिचुअल पावर है; सॉफ्ट पावर है और वही हमारी ताकत भी है। भारत ने दुनिया भर में शांति को बढ़ावा देने हेतु अद्भुत योगदान दिया है। अब आवश्यकता है कि विश्व का प्रत्येक देश इस दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने की अपना-अपना योगदान प्रदान करें। 

मई से जुलाई 1999 के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में हुआ सशस्त्र संघर्ष लगभग 60 दिनों तक चला तथा 26 जुलाई, 1999 को समाप्त हुआ था। इस विजय के लिये भारतीय सेना ने दुर्गम इलाकों, विपरीत मौसम एवं अनेक कठिनाइयों को पार करते हुए विजय प्राप्त की थी।

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