धाद संस्था के एक माह तक चलने वाले हरैला पर्व का हुआ शुभारंभ


सुंदर लाल बहुगुणा समेत पांच हस्तियों की स्मृति में पौधे रोपे

सामाजिक संस्था धाद का हरेला घी संग्रांद कार्यक्रम का आगाज

हिमालयी अन्न को अपनाने का किया आह्वान 

देहरादून 16 जुलाई (जे के रस्तौगी संवाददाता गोविंद कृपा देहरादून)  उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला घी संग्रांद के अवसर पर शुक्रवार को धाद की ओर से मालदेवता स्थित स्मृति वन में प्रख्यात पर्यावरणविद स्व. सुंंदर लाल बहुगुणा, साहित्यकार लालबहादुर वर्मा, मथुरादत्त मठपाल, प्रेमलाल भट्ट के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता पंकज सिंह महर की याद में पौधे रोपे गए। धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानी और महासचिव तन्मय ममगाईं ने लोगों से हिमालयी अन्न का आधिकाधिक उपयोग करने का आह्वान किया ताकि पहाड़ से हो रहे पलायन को रोका जा सके और उत्तराखंड की धरती को हरा-भरा बनाया जा सके। एक माह तक चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान हिमालयी सरोकारों पर आनलाइन वार्ता का आयोजन भी किया जाएगा।

      स्मृति वन की संयोजक शोभा रतूड़ी ने सभी लोगों से अपने स्वजनों और रिश्तेदारों के निमित्त पौधा लगाने की अपील की, ताकि छा


यादार और फलदार पेड़ के रूप में उनकी स्मृति चिरस्थायी बनी रह सके। मंजू काला ने पहाड़ी भोजन पर विस्तार से चर्चा की। फंची के संयोजक किशन सिंह ने पहाड़ी अन्न की खरीद के लिए लोगों को प्रेरित किया। एक कोना कक्षा कार्यक्रम के संयोजक गणेश उनियाल ने हरेला स्कूल पुरस्कार योजना के बारे में बताया।इसके तहत पांच विद्यालयों को पर्यावरण संरक्षण के लिए अच्छा काम करने के लिए 21-21 सौ रुपये का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाएगा। 

   इससे पहले प्रख्यात लोकगायिका माधुरी बड्थवाल और रेखा उनियाल ने मांगल गायन से कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर धाद साहित्य एकांश की संयोजक डा. विद्या सिंह, सचिव लक्ष्मी प्रसाद बडोनी 'दर्द गढ़वाली ', कल्पना बहुगुणा, शांतिप्रकाश जिज्ञासू, विकास बहुगुणा, प्रोफेसर एमसी सती, सुमति बडोनी, राजेश्वरी सेमवाल आदि मौजूद थे। संचालन रविंद्र ने किया, जबकि कार्यक्रम का लाइव प्रसारण विनोद ने किया।

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