स्वर्ग से आया फूल का वृक्ष है गुलमोहर

 गुलमोहर का वृक्ष अपनी छाया और खूबसूरत फूलों के लिए मशहूर है इस कारण  , इसे  स्वर्ग का फूल भी कहते हैं। वास्तव में गुलमोहर का सही नाम 'स्वर्ग का फूल' ही है। भरी गर्मियों में गुलमोहर के पेड़ पर पत्तियाँ तो नाममात्र होती हैं, परंतु फूल इतने अधिक होते हैं कि गिनना कठिन। यह भारत के गरम तथा नमी वाले स्थानों में सब जगह पाया जाता है। गुलमोहर के फूल मकरंद के अच्छे स्रोत हैं। शहद की मक्खियाँ फूलों पर खूब मँडराती हैं। मकरंद के साथ पराग भी इन्हें इन फूलों से प्राप्त होता है। फूलों से परागीकरण मुख्यतया पक्षियों द्वारा होता है। सूखी कठोर भूमि पर खड़े पसरी हुई शाखाओं वाले गुलमोहर पर पहला फूल निकलने के एक सप्ताह के भीतर ही पूरा वृक्ष गाढ़े लाल रंग के अंगारों जैसे फूलों से भर जाता है। ये फूल लाल के अलावा नारंगी, पीले रंग के भी होते हैं।किसी भी पार्क में सबसे आकर्षित गुलमोहर के लाल, नांरगी और नीले रंग से भरे गुलमोहर के वृक्ष ही करते हैं। मेडागास्कर इस की जन्म भूमि है पुर्तगालियो ने सबसे पहले इस की खोज की थी उन्ही के द्वारा इस वृक्ष को देश दुनिया तक पहुँचाया गया। 

  संकलनकर्त्ता :-  अनीता वर्मा सह सम्पादक साप्ताहिक गोविंद कृपा समाचार पत्र 




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