ब्रह्मलीन स्वामी अमलानंद गिरि महाराज को किया स्मरण

 ब्रह्मलीन स्वामी अमलानंद गिरि महाराज को संत समाज ने दी श्रद्धांजलि 

त्रिपुरा योग आश्रम कनखल के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी अमलानंद गिरि महाराज को उनकी सातवी पुण्यतिथि पर श्रद्धालु भक्तजनो ने किया नमन 

हरिद्वार 25 जुलाई  परम गौवंश संरक्षक, आध्यात्मिक विभूति ब्रह्मलीन स्वामी अमलानंद गिरि महाराज को उनकी सातवी पुण्यतिथि के अवसर पर श्री त्रिपुरा योग आश्रम कनखल में स्वामी शरद पुरी महाराज






के सानिध्य में एंव स्वामी दर्शनांद एवं आचार्य चिंतामणि के संयोजन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसम में स्वामी शरद पुरी महाराज ने ब्रह्मलीन स्वामी अमलानंद गिरि महाराज को स्मरण करते हुए हुए कहा स्वामी अमलानंद गिरि महाराज विद्वान संत थे जिन्हें गौवंश के संरक्षण विशेषकर साहीवाल नस्ल के गौवंश संरक्षण के लिए जाना जाता है। वे सलता और विद्वता की प्रतिमूर्ति थे। स्वामी निरंजन स्वामी, स्वामी दर्शनांद ने कहा कि स्वामी अमलानंद त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे जिन्होंने सनातन हिन्दू धर्म का पश्चिमी देशों में प्रचार प्रसार किया। त्रिपुरा योग आश्रम ट्रस्ट के सचिव अशोक राणा ने ब्रह्मलीन स्वामी अमलानंद गिरि महाराज को नमन करते हुए कहा कि गुरू देव ने गंगा तट पर श्री त्रिपुरा योग आश्रम स्थापित कर इसे योग साधना के केंद्र के रूप में प्रतिष्ठित किया। स्वामी अमलानंद गिरि महाराज के शिष्य राजन सिंह, लक्ष्मी सिंह, ने अपने गुरु देव को स्मरण करते हुए कहा कि गुरू देव सरलता, सौम्यता की प्रतिमूर्ति थे वे मृदुभाषी थे जो सहज ही मिलने वाले व्यक्ति को अपने तेज से प्रभावित करते हैं उन्होंने ने अपने शिष्यो को अध्यात्म के मार्ग का अनुगामी बनाया। इस अवसर पर समाजसेवी संजय वर्मा, अनीता वर्मा, पवन सिक्का, नम्रता, प्रभात, कृष्ण चन्द्र, विनित,हिमांशु,वागीश,सुनीता, प0 गणेश जोशी आदि ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

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