खलंगा स्मारक के संरक्षण के लिए वीर गोर्खा कल्याण समीति के प्रतिनिधिमंडल ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को दिया ज्ञापन ।
देहरादून 13 जुलाई (जे के रस्तौगी संवाददाता गोविंद कृपा देहरादून)
वीर गोर्खा कल्याण समीति का एक प्रतिनिधि मंडल ने समीति के अध्यक्ष श्रवण प्रधान के नेतृत्व में प्रदेश के काबीना व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल द्वारा दिये गये ज्ञापन में विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक खलंगा स्मारक के सौंदर्यकरण, रखरखाव व पर्यटन के लिहाज से पर्यटन मंत्रालय अपने अधीन करे। ज्ञापन में कहा गया है कि सन् 1814 ई. में एंग्लो-गोरखा युद्ध, जो कि नालापानी-रायपुर क्षेत्र में अंग्रेजी सेनाओं व गोरखा शासकों के बीच हुआ था। इस ऐतिहासिक युद्ध का शौर्यपूर्ण व स्वर्णिम गरिमामयी इतिहास है। इस क्षेत्र में खलंगा स्मारक का निर्माण संस्कृति विभाग के अधीन हुआ है। यह ऐतिहासिक स्मारक घने जंगलों के बीच प्राकृतिक सौंदर्य एवं रमणीय दृश्य से सुशोभित है। सम्पूर्ण विश्व से अनेक पर्यटकों का इस स्मारक स्थल में आना-जाना लगा रहता है। इस ऐतिहासिक धरोहर को असामाजिक तत्वों द्वारा काफी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। सामाजिक दृष्टि से व्यसनी और अराजक लोगों ने इस पर्यटन स्थल को नशाखोरी का एक साधन मात्र बनाकर रख दिया है। प्रतिवर्ष नवम्बर माह में उन वीर गोरखा शहीदों की वीरगाथाओं की याद में खलंगा वीरता पदयात्रा एवं मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें गोरखा संस्कृति को विभिन्न स्वरूपों में प्रदर्शित किया जाता है तथा सैकड़ों की संख्या में देश-विदेश से आये नागरिक प्रतिभाग करते हैं। कई संस्थाओं, नागरिकों एवं स्कूलों इत्यादि द्वारा भी प्रतिभाग किया जाता है। खलंगा स्मारक की भूमि संस्कृति विभाग के अधीन है। संस्कृति विभाग द्वारा स्मारक भूमि की सुरक्षा व्यवस्था का पूर्ण इंतजाम करे। खलंगा में सागरताल पूरी तरह से टूटी-फूटी हालत में है, जिसकी मरम्मत कराकर एवं बढ़िया तालाब बनाकर पयर्टन विभाग अपने संरक्षण में ले। ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में समीति की संरक्षिका सुश्री सारिका प्रधान, महासचिव विशाल थापा, कोषाध्यक्ष टेकूँ थापा ,समाज सेवक अनिल कक्कड़, पूर्व राज्यमंत्री टी.डी.भूटिया, ग्राम प्रधान पुरोहितवाला मीनू क्षेत्री और गायिका शिकायना मुखिया मौजूद थे।
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