काव्य धारा (आस्ट्रेलिया में हिंदी के प्रचार प्रसार में प्रमुख भूमिका निभाने वाली लेखिका, कवि हैं सोमा नायर जी



 जीवन की संध्या बेला मे 

तुम क्यों आये हो व्यापारी


मैंने अब हाट उठाने की

कर ली है पूरी तैयारी


कमलिनी मे नहीं चंचलता

जूही के ओष्ठ पे हास नहीं

अब मौलश्री की डाली मे

अनुभव होता उल्लास नहीं


लहूलुहान पग सूरज के

और रक्त रंजित काया सारी

मैंने अब हाट उठाने की

कर ली है पूरी तैयारी


मन के बिरवे का व्यथा बीज

मित्रों ने सींचा बड़ा किया

दुःखों की प्रतियोगिता में

सुख प्रतियोगी खड़ा किया


विजित हुई पीड़ा मेरी

व्यर्थ मरहम पट्टी सारी


मैने अब हाट उठाने की

कर ली है पूरी तैयारी


चिंता संतप्त माथे पर 

स्निग्धता का मत हाथ धरो

जीवन वीणा के सुर कहते

पंछी निज नीड़ मे लौट चलो


क्या दिल की धड़कन गिनते हो

हिचकी भर की लीला सारी


जीवन की संध्या बेला मे तुम

क्यों आए हो व्यापारी???

 

                    सोमा नायर सोम

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