भगवान पुर 24 अगस्त (विजय त्यागी)
समस्त भारतवर्ष में दिनांक 19अगस्त से 26 अगस्त तक गतिमान संस्कृत सप्ताह का आयोजन बड़े हर्षोल्लास के साथ किया जा रहा है। हरिद्वार जनपद के बी.डी.इ.का. भगवानपुर में दिनांक 24 अगस्त 2021 को संस्कृत सप्ताह के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं ने संस्कृत श्लोकोच्चारण, संस्कृत गीत गायन तथा संस्कृत सम्भाषण किया।
इस आयोजन में कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय प्रधानाचार्य श्री संजय गर्ग ने की। मुख्य अतिथि के रूप में श्री भूपेन्द्र सिंह सहायक निदेशक संस्कृत-शिक्षा (हरिद्वार) तथा विशिष्टातिथि के पद को श्री योगेश विद्यार्थी (प्रान्त संगठन मन्त्री, संस्कृतभारती) ने अलंकृत किया।
शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार समस्त संस्थानों में एक भारत श्रेष्ठ भारत, डॉ. वाचस्पति मैठाणी जी की स्मृति में विभिन्न संस्कृत प्रतियोगिताओ के अन्तर्गत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है, महत्त्वपूर्ण है कि बी.डी.इ.का. भगवानपुर हरिद्वार में सभी छात्र-छात्रा उत्साह के साथ प्रतिभाग कर रहे हैं। विद्यालय प्रधानाचार्य ने बताया कि क्विज प्रतियोगिता में विद्यालय के 373 छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग कर विद्यालय एवं जनपद का गौरव बढ़ाया, जबकि पंजीकृत संख्या लगभग 472 है। डॉ. वाचस्पति मैठाणी जी की स्मृति में 17 छात्रछात्राओं ने प्रतिभाग कर विद्यालय, खण्ड एवं जनपद को गौरवान्वित किया।
संस्कृतसप्ताह में मुख्यअतिथि पद को अलंकृत कर रहे श्री भूपेन्द्र सिंह(सहायक निदेशक हरिद्वार) ने कहा कि "भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा" अर्थात् भारत वर्ष का गौरव यहाँ की संस्कृत भाषा तथा भारत की संस्कृति से ही है। अतः हमें संस्कृति के साथ-साथ संस्कृत को दैनिक व्यवहार का हिस्सा बनाना चाहिए।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री विद्यार्थी जी ने कहा कि बालक-बालिकाओं में संस्कारों का पल्लवन करने के लिए संस्कृत भाषा का दैनिक व्यवहार अनिवार्य है। संस्कृत भारती के द्वारा किये गये प्रयासों का पालन करके प्रत्येक व्यक्ति मात्र 2 घण्टे प्रतिदिन तथा 10 दिवसीय शिविर के माध्यम से मात्र 200 घण्टों में बहुत अच्छी संस्कृत बोलना सीख लेता है। संस्कृत भाषा का उच्चारण योग के अनुलोम-विलोम प्राणायाम से सम्बन्धित लाभ भी अनायास ही प्रदान करता है। अतः संस्कृत सप्ताह के अवसर पर हमें संस्कृत सम्भाषण का सङ्कल्प लेना चाहिए।
इस अवसर पर कार्यक्रम में सरस्वती वंदना, संस्कृत कथा, श्लोक, सम्भाषण, गीत आदि के उच्चारण का अभ्यास बालक-बालिकाओं से कराते हुए डॉ. विजय कुमार त्यागी (संयोजक) तथा श्रीमती कल्पना सैनी(सह संयोजक) ने कार्यक्रम का समापन शान्तिमन्त्र के साथ करके सभा में उपस्थित जनों को अध्यात्मलाभ भी कराया।
इस अवसर पर समस्त छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त शिक्षक संजय पाल, पारुल शर्मा, ललिता देवी, अनुदीप, निखिल अग्रवाल, रजत बहुखण्डी, नेत्रपाल, रितु वर्मा, अर्चनापाल तथा समस्त शिक्षकेतर कर्मचारियों ने भी उत्साह के साथ प्रतिभाग किया।
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