श्री गीता कुटीर तपोवन हरिद्वार में श्री गीता विहारी महाप्रभु की कृपा एवं मंथन आई हैल्थ केयर फाऊंडेशन के सौजन्य से शंखनाद की ध्वनि के साथ डेंटल केयर चिकित्सा शिविर प्रारंभ
मुख और दांतों की सफाई की उपेक्षा करना दांतों की सेंसेटिविटी, इन्फेक्शन को बढ़ाना है, केवल एड देखकर ही मुख-दांतों की भयंकर बीमारियों का स्वयं इलाज न कर लेवें: स्वामी दिव्यानंद जी
नगरनिगम पार्षद अनिल मिश्रा ने दीप प्रज्ज्वलित कर शिविर का किया शुभारंभ
स्वस्थ सुंदर दांत हमारे अच्छे व्यक्तित्व की पहचान हैं, मुफ्त में ही दंत रोगों से मुक्त हो सकते हैं। दांतों में दर्द का इंतजार न करें, नियमित जांच ही दर्द मुक्ति का उपाय है: डॉ. अंबुज चांदना
महिलाओं की डिलीवरी के समय फीमेल हार्मोन बढऩे से मुख में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, विटामीन डी, कैलशियम अधिक लेवें और शुगर बिल्कुल कम : डॉ. एना मदान
हरिद्वार 7 अगस्त
( अमरेश दूबे संवाददाता गोविंद कृपा ऋषिकेश )। ऐसा लगता है कि मुख दंत रोग आम समस्या है, किंतु जब ठंडा गर्म या खट्टा आदि खाने से दांतों में झनझनाहट के साथ भयंकर दर्द होने लगता है तब समस्या और तकलीफ समझ आती है। यूं तो बहुत समस्याएं हैं, मुख दंत रोगों द्वारा मनुष्य को, किंतु दांतों का सेंसेटिव होना, रूट इन्फेक्शन, जबड़ों की सूजन अथवा दांतों के बीच होने वाली खाली जगह और इसके कारण होने वाली अन्य तकलीफ ये सब आज बहुत फैल रही हैं। कारण केवल सुरक्षा कवच की भांति दांतों के ऊपर की सफेद परत है, एनेमेल के रूप में। या फिर भीतर डेंटीन नाम की हड्डी, उसके भी भीतर बड़ी नाजुक ब्लड वेसल्स होती हैं, जिसे सुरक्षा वही बाहर की हड्डी देती है। इसके हटने या कमजोर होने से झनझनाहट बढ़ती है, ठंडा, गर्म लगता है, बेचैनी होती है। कारण बड़ा सामान्य है किंतु महत्वपूर्ण है। ढंग से ब्रश न करना, जोर से घिसना, जोर लगाकर चबाना, कुछ को तो नाइट ग्राइडिंग की भी आदत होती है। कुछ भोजन भी एसिडिक या प्रीजरवेटिव होते हैं, जो इस कवच को तोड़ डालते हैं। कम से कम दो बार नर्म ब्रश से साफ कर हम ऐसी तकलीफ से बच सकते हैं। चिकित्सक की सलाह से नोवामिन और पोटाशियम नाइट्रेट युक्त मंजन का प्रयोग करें। किसी भी कारण से यदि दांतों की नसों तक रोग चला जाए तो दर्द भयंकर होगा ही। दांतों की जड़ों में इसी इन्फेक्शन को रूट इन्फेक्शन कहते हैं। यह जांच पड़ताल विशेषज्ञ से ही करवाएं। झोलाछाप, नीम हकीमों से नहीं। दांतों के बीच का गैप जो आनुवांशिक भी हो सकता है, किंतु तम्बाकू या पान पराग के सेवन आज मुख्य कारण है। कभी-कभी तो जबड़े इसी में अपनी जगह बना लेते हैं। जो सबसे बड़ी समस्या पायरिया की है, मसूड़ों की सूजन में जब रक्त प्रवाह प्रारंभ होता है, इसी के आगे की स्थिति होती है पायरिया। यदि प्रथम चरण में ही उपचार कर लेवें तो यह समस्या नहीं होती। 'प्रवेंशन इज बेटर देन क्योरÓ अर्थात सावधानी इलाज से अधिक बेहतर है। दांत में दर्द होने का इंतजार न करें, नियमित वर्ष में एक बार जांच अवश्य करवाएं। श्री गीता कुटीर तपोवन हरिद्वार से परम पूज्य चरण श्री गीता विहारी सद्गुरू देव जी महाराज की पावन कृपा से और मंथन आई हैल्थ केयर फाऊंडेशन के सौजन्य से आयोजित मुख दंत निरीक्षण एवं चिकित्सा शिविर में प्रसिद्ध दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. अंबुज चांदना ने यह विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर परम पूज्य डॉ.स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने कहा कि इलाज एक्सपर्ट चिकित्सक से ही करवाएं। एड देखकर मनमर्जी का इलाज घातक हो सकता है। तंबाकू या पान पराग का सेवन तो जबड़ों में खून या सूजन आने का भी कारण बन जाता है। कोरोना से जो अभी-अभी उठे हैं, उनके मुख में तो कई प्रकार के फंगस पैदा हो जाते हैं। केवल दांतों की नियमित सफाई रखने से ही हम भारी खर्चे और तकलीफों से बच सकते हैं, किंतु जीवन के प्रति लापरवाही तो मानो आज फैशन बन गया हो। रोहतक हरियाणा से प्रसिद्ध महिला दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. ऐना मदान ने कहा कि डिलीवरी केस में फीमेल हार्मोन्स की मात्रा बढ़ जाने से मुख में एसिड की मात्रा भी बढ़ जाती है, जिस कारण मुख में डेंटल कैरीस होने की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे में महिलाओं को विटामीन डी एवं कैलशियम अधिक मात्रा में और ग्रीन वैजीटेबल लेने चाहिए तथा शुगर की मात्रा बहुत कम कर देवें। पेस्ट फ्लोराइड युक्त हो। आज इस अवसर पर डॉ. अंबुज चांदना और उनकी टीम को महाराज श्री ने आशीर्वाद के साथ-साथ अनिल मिश्रा द्वारा सम्मानित किया गया।
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