काव्य धारा

 गम रुकता नही सदा हर लम्हा कुछ यूं ही कट जाता है,

सफर में कुछ खुशी पाने की चाह में बहुत कुछ खो जाता है, 

 जिन्दगी में तय है खुशी और गम के बादलों का आना जाना,

 साहब!शर्त इतनी है बारिश चाहे गम की हो या खुशी की बस मुस्कुराना।।©-विjयोति....


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