परमार्थ निकेतन गंगा तट पर होगा जल संसद का आयोजन ओम बिरला से हुई चर्चा

 🛣️🌳🌱🍀🪴🌴☘️🛣️

😷😷😷😷😷😷😷😷


🛑 *लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला जी और परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज की दिल्ली आवास पर हुई भेंटवार्ता*


🚩 *परमार्थ निकेतन गंगा तट पर जल संसद के आयोजन पर हुई चर्चा*


🌱 *पूज्य स्वामी जी ने श्री बिड़ल जी को रूद्राक्ष का पौधा देकर किया अभिनन्दन*


🟢 *स्वच्छ जल पर सभी का अधिकार - ओम बिड़ला*


 💥 *जल क्रान्ति - जन क्रान्ति बनें - पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज*


*ऋषिकेश, 24 सितम्बर। (अमरे



श दुबे संवाददाता गोविंद कृपा ऋषिकेश) परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला जी और पूरे बिड़ला परिवार से भेंटवार्ता की।

पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने माननीय ओम बिड़ला जी से परमार्थ निकेतन माँ गंगा जी के पावन तट पर ‘जल संसद’ के आयोजन हेतु विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि बदलते मौसम, ग्लोबल वार्मिग और क्लाइमेंट चेंज के कारण सूखे की वजह से भारत के कुछ प्रदेश जल संकट से जूझ रहे हैं। भारत में दुनिया की आबादी का 16 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन भारत के पास दुनिया के फ्रेशवाटर संसाधनों का केवल 4 प्रतिशत हिस्सा ही है। दिन प्रति दिन भारत में जल संकट की समस्या गंभीर हो रही है, जिसने पूरे भारत में लाखों लोगों को प्रभावित किया है।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा भूजल दोहन करने वाला देश बन गया है, जो कुल जल का 25 प्रतिशत हिस्सा है। हमारे लगभग 70 प्रतिशत जल स्रोत लगभग दूषित होने के कगार पर हैं और हमारी प्रमुख नदियाँ भी प्रदूषण का शिकार हो रही हैं। वर्तमान समय में पूरा विश्व घटते जल स्तर के कारण कई समस्याओं का सामना कर रहा है। भारत में जल तो है परन्तु जल का बेहतर प्रबंधन नहीं हो पा रहा है इसलिये ‘जल संसद’ का आयोजन जरूरी है। 

जल संसद में भारत सहित वैश्विक स्तर के जल विशेषज्ञ, जल के क्षेत्र में कार्य कर रहे संगठन, स्कालर्स और जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे हमारे जल प्रेमियों को आमंत्रित कर जल संरक्षण और  जल के बेहतर प्रबंधन के विषय में कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा ताकि जल क्रान्ति - जन क्रान्ति बनें; जल चेतना - जन चेतना बनें और जन जागरण - जन जागरण बनें। 

लोकसभा अध्यक्ष माननीय श्री ओम बिड़ला जी ने कहा कि जल संरक्षण और जल का प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है और इसके लिये आमजन को जागरूक करना नितांत आवश्यक है। परमार्थ गंगा तट से जो संदेश जायेगा वह दूर तक और प्रभावी होगा। सरकार का हमेशा से ही प्रयास रहा है कि स्वच्छ जल की उपलब्धता अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक हो क्योंकि स्वच्छ जल पर सभी का अधिकार है।  

 

जल संसद में माँ गंगा के तट पर स्थित पांच राज्यों के माननीय सांसदों, मंत्रीगण और जल विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाये ताकि स्थानीय समस्याओं के हिसाब से समाधान प्राप्त किया जा सके।

पूज्य स्वामी जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की जल संसद का आयोजन परमार्थ निकेतन गंगा तट पर होगा। उन्होंने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जल शक्ति मंत्रालय, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जी ‘‘जल जागरण, जन जागरण बनें’’ इस पर काफी सक्रियता से कार्य कर रहे हैं। इसका असर भी अब देखने को मिल रहा है।

No comments:

Post a Comment

Featured Post

उत्तराखंड और गोवा के संयुक्त प्रयासों से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा :- डॉक्टर नरेश चौधरी

  हरिद्वार 18 अक्टूबर "उत्तराखंड एवं गोवा प्रदेश आध्यात्मिक यात्रियों, श्रद्धालुओं एवं  समुद्री जल क्रीड़ा करने वाले पर्यटकों के लिए अं...