गुजरात का संपूर्ण सत्ता परिवर्तन क्या कहता है


 !!गुजरात में सम्पूर्ण सत्ता परिवर्तन का नया प्रयोग!!


भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा गुजरात सरकार में नए मुख्यमंत्री से लेकर सम्पूर्ण मंत्री मण्डल में बदलाव कर भारतीय राजनीति में एक नई तरह की कार्यसंस्कृति विकसित हुई है। देखना होगा कि गुजरात की जनता इस व्यापक बदलाव को किस रूप में लेती है?


गुजरात में मुख्यमंत्री बदले जाने के साथ सभी पुराने मंत्रियों को बदल कर नए चेहरों को मौका दिया जाना, गुजरात में बहुत बड़ा राजनीतिक बदलाव है।गुजरात में ऐसा हुआ तो इसका मतलब है कि भाजपा नेतृत्व राज्य की सरकार को नया रूप-स्वरूप प्रदान करना चाहता था और इसके जरिये लोगों को व्यापक बदलाव का संदेश देना चाहता था। देखना है कि गुजरात की जनता इस व्यापक बदलाव को चुनाव में किस रूप में लेती है? नि:संदेह देखना यह भी होगा कि जो मंत्री हटाए गए हैं, वे नई सरकार के लिए समस्याएं तो नहीं खड़ी करेंगे? वे इससे आशंकित हो सकते हैं कि कहीं उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट से तो वंचित नहीं कर दिया जाएगा? जो मंत्री हटाए गए हैं, उनका नाराज होना स्वाभाविक है,लेकिन यह भी एक तथ्य है कि लंबे समय तक सत्ता में रहे लोगों से एक तरह की ऊब पैदा हो जाती है।


गुजरात की जनता उम्मीद करती है कि राज्य सरकार में नए मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री मण्डल के सभी नये सदस्य एक नई तरह की कार्यसंस्कृति और ऊर्जा का संचार करेंगे। इसके बिना बदलाव का उद्देश्य पूरा होने वाला नहीं है। यह सही है कि भूपेंद्र पटेल सरकार में मंत्रियों के रूप में शामिल नए चेहरे बदलाव के साथ ताजगी का आभास कराएंगे,लेकिन इसकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि मुख्यमंत्री के साथ उनके नए मंत्रियों को सरकार चलाने का अनुभव नहीं है। अनुभव का यह अभाव तब चुनौती बन सकता है,जब विधानसभा चुनाव में ज्यादा देर नहीं है।


स्पष्ट है कि नए चेहरों वाली सरकार के सामने एक साथ दो चुनौतियां होंगी। एक तो सरकार का कामकाज प्रभावी ढंग से चलाना और दूसरे,भाजपा के पक्ष में चुनावी माहौल तैयार करना। नए मुख्यमंत्री और उनके सभी नये मंत्रियों के सामने एक चुनौती यह भी होगी कि शासन के कामकाज में नौकरशाही न हावी होने पाए। हालांकि,नए मंत्रियों के चयन में जातिगत समीकरणों का पूरा ध्यान रखा गया है, लेकिन कुछ ऐसे लोग छूट गए होंगे,जो मंत्री बनने की इच्छा रखते रहे होंगे। जो भी हो,भाजपा की प्रयोगशाला कहे जाने वाले गुजरात में मुख्यमंत्री के साथ-साथ सभी मंत्रियों को बदला जाना एक तरह का नया प्रयोग हुआ है।

गुजरात में मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों का बदलाव के इस प्रयोग की सफलता-विफलता का निर्धारण तो भविष्य करेगा,लेकिन इसमें दोराय नहीं कि भाजपा संगठन द्वारा गुजरात में किये गये प्रयोग ने  भारतीय राजनीति से रिटायर होने की एक तरह से नई परंपरा विकसित की है।क्योंकि इससे ही भारतीय राजनीति में बदलाव की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी। इससे इन्कार नहीं किया सकता कि भारतीय राजनीति में बदलाव और सुधार की आवश्यकता है।

(कमल किशोर डुकलान रुड़की)

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