भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ब्रिटेन के एकाधिकार को किया समाप्त


 *भारत की बड़ी जीत* ( अनिल लोहानी वरिष्ठ संवाददाता गोविंद कृपा रुड़की)


            *दिनांक 27.8.2021 अपराह्न देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी के अथक प्रयास की कूटनीतिक विजय एवं विश्व पटल पर ब्रिटेन की शिकस्त।*के लिए याद रखा जाऐगा


          जस्टिस दलवीर भंडारी जो अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में 3 साल पहले न्यायधीश बने थे, अब अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में चुने जाने के साथ पी0एम0 मोदी जी ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित मैत्री भाव का परिणाम फलीभूत हुआ। भारत को 193 मतों के सापेक्ष 183 मत प्राप्त हुए और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड की पराजय हुई। इस प्रकार भारत ने ब्रिटेन के 71 साल के एकाधिकार को समाप्त कर दिया।


            अन्तर्राष्ट्रीय जगत में देश को यह सम्मान दिलाने में मोदी जी और उनका विदेश मंत्रालय पिछले 6 महीने से कूटनीतिक प्रयास कर रहा था। 193 देशों के प्रतिनिधियों से सम्पर्क करना और भारत की स्थिति को स्पष्ट करके सहमति प्राप्त करना बहुत ही जटिल कार्य था। विरोधी ब्रिटेन का जीतना लगभग तय था। 11 राउंड के मतदान में न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी ने आम सभा में 193 मतों में से 183 और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से सभी 15 मतों से जीत हासिल की।


             ब्रिटेन के ग्रीनवुड ने स्वीकार किया है कि वह चुनाव हार गए हैं। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मानित पद पर भारत के न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी का कार्यकाल 9 वर्ष का होगा। यह हम सभी देशवाशियों के लिए गौरव का विषय है।


          *कौतुहल वश देश के सभी सुधिजनो से एक बात पूछनी थी क्या ये 183 देश, जिन्होंने ब्रिटेन के विरोध में जाकर भारत के पक्ष में मतदान किया, क्या वे सभी "मोदी भक्त" थे ?*

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