भारतीय मनीषियों शिक्षाशास्त्रीयो, महापुरुषों की उपेक्षा कर 11 नवंबर को मौलाना अबुल कलाम आजाद की स्मृति में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाना तुष्टीकरण से ज्यादा कुछ नहीं

 !!राष्ट्रीय शिक्षा दिवस(11नवम्बर)!! 

राष्ट्रीय शिक्षक दिवस भारत सरकार द्वारा स्वतंत्र भारत के शिक्षा मंत्री एवं भारत रत्न से सम्मानित मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की याद में प्रतिवर्ष 11 नवंबर को मनाया जाता है। इसका प्रारम्भ 11 नवम्बर 2008 से किया गया है।

"शान्ति निकेतन" अर्थात् `विश्व भारती' विश्वविद्यालय भारत की सर्वोत्कृष्ट राष्ट्रीय शिक्षा संस्था है जिसकी स्थापना डा। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने १९०१ ई में की थी। ब्रिटिश शासन के विरुद्ध देश में जिस पुनर्जागरण तथा क्रांति के आन्दोलनों का सूत्रपात हुआ उनके कर्णधार राजा राममोहनराय, स्वामीविवेकानन्द, स्वामी दयानन्द, अरविन्द घोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि देशभक्त थे। इन महापुरुषों ने जहाँ विविध क्षेत्रों में अपने मौलिक विचार प्रस्तुत किये, वहां शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्त्वपूर्ण प्रयास किये। महापुरुषों द्वारा भारत में अँग्रेजी शिक्षा के विनाशकारी प्रभाव को समझ कर देश की सभ्यता एवं संस्कृति के अनुकूल शिक्षा का भारतीयकरण का प्रयास किया तथा अनेक राष्ट्रीय शैक्षिक संस्थाओं की स्थापना कर लोगों में देशभक्ति की चेतना जाग्रत की।हरिद्वार की गुरुकुल कांगड़ी, अहमदाबाद की गुजरात विद्यापीठ, बनारस की काशी विद्यापीठ, बोलपुर (प. बंगाल) की शांति-निकेतन या विश्व भारती आदि अनेक इस प्रकार के राष्ट्रीय शिक्षा केन्द्र थे। जिनमें महापुरुषों एवं उनके द्वारा स्थापित शिक्षा-संस्थाओं का भारतीय राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन में महतत्वपूर्ण योगदान रहा था।


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