पद्मश्री माउंटेनियर संतोष यादव ने हरिद्वार में मनाया छठ पर्व


 . पद्मश्री से सम्मानित माउंटेनियर संतोष यादव है दो बार की एवरेस्ट विजेता इन दिनों हरिद्वार में कर रही है प्रभास


उन्होंने बैरागी कैंप स्थित गंगा घाट पर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर किया छठ पूजा को पूर्ण और शहर भर में इसके साथ साथ हुआ छठ पर्व का समापन


***छठ की छटा को देखने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़


*** पूर्वांचल संस्कृति से सारोबार हुई धर्मनगरी


हरिद्वार 11 नवंबर संजय वर्मा पद्मश्री संतोष यादव ने इस बार हरिद्वार में मनाया छठ पर्व दो बार की एवरेस्ट विजेता तथा आईडबीपी में उ अधिकारी रही संतोष यादव इन दिनों हरिद्वार में प्रवास कर रही हैं उन्होंने बैरागी कैंप स्थित गंगा घाट पर उगते हुए सूर्य को अर्घ देकर छठ पर्व की पूर्णाहुति की उन्होंने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा कि छठ पर्व साधना उपासना और आध्यात्मिकता सेवर परिपूर्ण पर्व है जिसमें हमारी संस्कृति की भीनी भीनी खुशबू गीत संगीत हमारी परंपराएं और भगवान सूर्य के प्रति अनन्य श्रद्धा समाहित रहती है उन्होंने वर्तमान परिपेक्ष में इस पर्व को पूर्वांचल संस्कृति का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह पर्व आज पूरे विश्व में रहने वाले भारत के पूर्वांचल वासियों की पहचान बन चुका है जिस प्रकार हमारा दीपावली पर्व अंतरराष्ट्रीय पर्व के रूप में प्रसिद्ध हो चुका है वही छठ पर्व भी देश विदेश में रहने वाले भारतीयों की पहचान बन चुका है पथ श्री संतोष यादव ने युवा पीढ़ी से इस पर्व को मौज मस्ती के पर्व के रूप में ना मना कर भारतीय संस्कृति के अनुरूप मनाने का आह्वान किया है उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति अध्यात्म और हमारी परंपराएं हमारी पहचान है उनके अनुभव भी हमें अपने पर्वों को गरिमा मैं रूप से मनाना चाहिए। हरिद्वार पद्मश्री माउंटेनियर संतोष यादव ने छठ पर्व पर्व उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पर्व का समापन किया। उनके साथ बैरागी कैंप में





लगातार 36 घंटे से निर्जला रहकर व्रत धारण करने वाली व्रती महिलाओं ने जल ग्रहण कर अपने व्रत का पारण किया और अपने परिवार की कुशलता के लिए भगवान दिनकर नाथ से प्रार्थना की। तीर्थ नगरी हरिद्वार के समस्त गंगा घाटों पर उत्सव का माहौल बना रहा। छठ पर्व की छठा को देखने के लिए घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही।

 तीर्थ नगरी हरिद्वार में वर्ष भर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहता है। उनमें छठ पर्व की छटा निराली होती है गंगा घाटों पर उत्सव का माहौल होता है। पुरबिया संस्कृति में रंगी धर्म नगरी का एक अलग ही स्वरूप देखने को मिलता है। हरिद्वार में रहने वाले पूर्वांचल एवं बिहार के लोगों ने लोक आस्था एवं सूर्य आराधना का पर्व छठ पर्व पूरी श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया। पंचपुरी हरिद्वार, कनखल, ज्वालापुर, बहादराबाद के समस्त घाटों पर छठ पर्व के श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। ‌भगवान सूर्यनारायण के उदय होने के पूर्व ही सभी छठ व्रती महिलाएं गंगा घाटों पर एकत्र होकर और गंगाजल में खड़े होकर भगवान सूर्यनारायण के उदय होने का इंतजार किया। जैसे ही सूर्य नारायण के दर्शन हुए उनको अर्घ्य देकर अपने व्रत का पारण किया। इस दौरान गंगा घाटों पर उत्सव का नजारा देखने को मिला। ‌ छठी मैया के गीत सुनकर श्रद्धालू भक्ति भाव से विभोर हो गए।  हरिद्वार की पावन भूमि पूर्वांचल संस्कृति से सारोंबार हो गई। चारो और छठ  की छटा निखरी रही।  छठी मैया के गीतों से वातावरण भक्तिमय हो गया। पूर्वांचल उत्थान संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष आशुतोष पांडेय, शशि भूषण पांडे, डा नारायण पंडित,  डॉ निरंजन मिश्रा, डा एसके झा, प्राचार्य सुमन झा, आचार्य सागर झा, पंडित ऊधव मिश्र, पंडित विनय मिश्रा, पंडित भोगेद्र झा, नरेश झा, अनिल झा,  भगवान झा, रणजीत झा संतोष झा, विनोद कुमार त्रिपाठी, मनोज शुक्ला, मदनेश मिश्रा, मनोज मिश्रा, शंकर झा, दिलीप कुमार झा, अवधेश झा, सहित अन्य लोगों ने छठ पर्व की विशेष तैयारियां की। ‌

No comments:

Post a Comment

Featured Post

स्वामी गीतानंद जी महाराज को संत समाज ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

ब्रह्मलीन स्वामी गीतानंद जी महाराज को संत समाज ने दी  श्रद्धांजलि हरिद्वार 15 नवंबर तीर्थ नगरी हरिद्वार में संत सेवा, गौ सेवा और निर्धन असहा...