एस एम जे एन पीजी कॉलेज में युवा छात्र छात्राओं को बनवाया गया वोटर


हमारे युवा मतदाता हैं लोकतांत्रिक उर्जा का प्राण: डाॅ. बत्रा

काॅलेज में किया गया नये मतदाताओं का फोटो पहचान पत्रा बनवाने हेतु प्रारुप-6 का वितरण

नये मतदाता छात्र-छात्राओं हेतु काॅलेज में चलाया गया आँन लाईन ड्राईव

हरिद्वार 23 नवम्बर,( आकांक्षा वर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार  )



एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज में आज जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा चलाये जा रहे निर्वाचक नामावली में नाम सम्मिलित किये जाने के अभियान के अन्तर्गत काॅलेज के 102 छात्र-छात्राओं ने कैम्पस ब्राॅड अम्बेसडर विनय थपलियाल के निर्देशन में नये मतदाता पहचान पत्र बनवाने हेतु आॅफलाईन व आॅनलाईन रजिस्ट्रेशन व उसकी प्रक्रिया समझी। 

इस अवसर पर काॅलेज के कैम्पस ब्राॅड अम्बेसडर विनय थपलियाल ने बताया कि जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा चलाये गये अभियान के अन्तर्गत आज महाविद्यालय में 102 छात्र-छात्राओं ने नये मतदाता पहचान पत्र बनवाने हेतु, प्रारुप-6 वितरित किये। छात्र-छात्राओं को आॅनलाईन पफोटो पहचान पत्रा बनाने की प्रक्रिया बी.एससी प्रथम वर्ष के काॅलेज छात्र अम्बेसडर विशाल बंसल के द्वारा समझायी गयी। 

इस अवसर पर काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक उर्जा का प्राण हमारे युवा मतदाता हैं और एक निष्पक्ष एवं भयविहीन चुनाव प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए हमारे युवा मतदाता ही नेतृत्व की स्थिति में रहेगा। उन्होंने अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं विशेषकर नये मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में उत्साहपूर्वक भाग लेने का आह्वान किया।  

अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने नये मतदाताओं से अधिक से अधिक संख्या में फोटो पहचान पत्र बनवाने के लिए आह्वान किया। इसके लिए उन्होंने महाविद्यालय प्रशासन की भूरि-भूरि प्रंशसा की। 

इस अवसर पर मुख्य रूप से डाॅ. सरस्वती पाठक, डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. निविन्धया शर्मा, श्रीमती रिंकल गोयल, श्रीमती रिचा मिनोचा, डाॅ. सुगन्धा वर्मा, अंकित अग्रवाल डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल आदि का विशेष सहयोग रहा।

No comments:

Post a Comment

Featured Post

दयालबाग शिक्षण संस्थान को मिली होम्योपैथिक कॉलेज के रूप में मान्यता

  दयालबाग शिक्षण संस्थान को  मिली  होम्योपैथी कॉलेज की मान्यता होम्योपैथी का इतिहास और समकालीन महत्व होम्योपैथी का इतिहास 18वीं शताब्दी के अ...