अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने जनरल बिपिन रावत को दी श्रद्धांजलि



एस.एम.जे.एन. काॅलेज में किया गया श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन:

सरकार से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद करेगा जनरल बिपिन रावत को भारत रत्न देने की मांग: श्री महन्त रविन्द्र पुरी 

श्रद्धाजंलि अर्पित कर शोक सभा में रखा गया दो मिनट का मौन 

हरिद्वार 09 दिसम्बर, ( आकांक्षा वर्मा संवाददातााा गोविंद कृपा हरिद्वार )08 दिसम्बर को तमिलनाडू के कुन्नूर में विमान क्रेश में देश के प्रथम चीफ आफ डिफेंस स्टाफ सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी धर्मपत्नी मधुलिका रावत सहित 13 अन्य वीर जवानों की आकस्मिक मृत्यु पर श्रद्धाजंलि देने के लिए एस.एम.जे.एन. काॅलेज में एक शोक सभा आयोजित कर मृतकों को भावुक क्षणों में अश्रुपूरित श्रद्धाजंलि अर्पित की। 

शोक सभा को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री महन्त रविन्द्र पुरी ने जनरल बिपिन रावत, उनकी धर्मपत्नी और दिवंगत आत्माओं की शान्ति और परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहा कि देश के रक्षा प्रमुख उत्तराखण्ड के वीर सपूत जनरल बिपिन रावत देश के गौरव थे। श्री महन्त ने कहा कि जनरल बिपिन रावत ने सेना के आधुनिकीकरण के लिए अहम भूमिका निभाई। श्री महन्त ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व काॅलेज परिवार की ओर जनरल बिपिन रावत को भारत सरकार से भारत रत्न देने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि इसके लिए काॅलेज के छात्र-छात्राओं का हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन भी भारत सरकार को प्रेषित किया जायेगा।  

शोक सभा में उपस्थित पूर्व कमाण्डर आमोध चौधरी ने कहा कि जनरल बिपिन रावत सेना को खुलकर कार्यवाही करने का अधिकार दिलाने के लिए हमेशा मुखर रहे, जिसका असर सीमाओं पर प्रभारी रुप से नजर भी आया।  उन्होंने भारतीय सेना में चार दशक की निस्वार्थ सेवा में असाधारण वीरता का परिचय दिया। श्री चौधरी ने भावुक मन से कहा कि उत्तराखण्ड का बेटा देश का पहला सीडीएस है, यह सोचकर ही हम सब उत्तराखण्डवासी गौरवान्वित हो जाते थे।  

प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने अपनी अश्रुपूरित श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि सीडीएस किसी भी देश के सम्पूर्ण सैन्यबल का कमाण्डर होता है। बिपिन रावत इस भूमिका का बहुत ही शानदार तरीके से निवर्हन कर रहे थे। सैन्य रणनीतिक लिहाज से उनकी महत्ता को देखते हुए उन्हें सेना की सर्वोच्च जिम्मेदारी मिली थी। डाॅ. बत्रा ने कहा कि श्री रावत ने उत्तराखण्ड राज्य पूर्व सैनिकों की समस्याओं, उनके पुनर्वास, शहीद आश्रितों के परिजनों की सहायता को लेकर काफी गम्भीरता से रिपोर्ट ली। डाॅ. बत्रा ने कहा कि हमें इस महान सपूत पर सैदव गर्व रहेगा। पूरा काॅलेज परिवार सभी जवानों को अपनी अश्रुपूर्ण श्रद्धाजंलि अर्पित करता है। मुख्य अनुशासन अधिकारी डाॅ. सरस्वती पाठक व डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने संयुक्त रुप से कहा कि सीडीएस श्री रावत बहादुर सैनिक, कुशल रणनीतिकार कमाण्डर के साथ-साथ मानवीय व्यवहार से परिपूर्ण व्यक्ति भी थे। देश और सेना ने अपना बेहतरीन कमाण्डर खोया है और उत्तराखण्ड के लिए तो यह दोहरे दुःख की घड़ी है। 

शोक सभा में डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, श्रीमती रिंकल गोयल, डाॅ. सुगन्धा वर्मा, डाॅ. अमिता श्रीवास्तव, अन्तिम त्यागी, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. मोना शर्मा, विनीत सक्सेना, डाॅ. प्रज्ञा जोशी डाॅ. पदमावती तनेजा, श्रीमती रिचा मिनोचा, वैभव बत्रा, मोहन चन्द्र पाण्डेय सहित काॅलेज के छात्र महक, निकिता, प्रियंका, शीतल सैनी, संकेत, सुहैल, पल्लवी, अरूण कुमार, दीपांशु बालियान, आयुष गुप्ता, शाहिद, कुणाल, राहुल कुमार, विपिन कुमार, ईशा शर्मा, भूमि रावत, हर्ष शर्मा, इशान सोनी, ललित वेद, जयति त्रिपाठी, पूजा प्रभा, रोमा सिंह सहित अनेक छात्र-छात्राओं ने अपनी भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की। अंत में मृतकों की आत्मा की शान्ति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।

No comments:

Post a Comment

Featured Post

दयालबाग शिक्षण संस्थान को मिली होम्योपैथिक कॉलेज के रूप में मान्यता

  दयालबाग शिक्षण संस्थान को  मिली  होम्योपैथी कॉलेज की मान्यता होम्योपैथी का इतिहास और समकालीन महत्व होम्योपैथी का इतिहास 18वीं शताब्दी के अ...