जाटों की राजनीति करने वाले चौधरी चरण सिंह चौधरी अजीत सिंह के पुत्र जयंत चौधरी और अखिलेश यादव की जुगलबंदी ने जाटों को इस चुनाव में जाटलैंड काजो तौहफा.. दीय है उससे जयंत चौधरी की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति साफ साफ दिखाई दे रही है अखिलेश यादव के साथ मिलकर जयंत चौधरी ने क्या गुल खिलाए हैं यह इस चुनाव में प्रत्याशी घोषित करने के बाद स्पष्ट हो चुका है जाट आंदोलन को राष्ट्र विरोधी आंदोलन से जोड़ने वाले से जोड़ने वाले जयंत ने अपनी मुस्लिम तुष्टीकरण की मानसिकता का प्रदर्शन करते हुए यह दिखा दिया है कि जाट बहुल क्षेत्र में भी उन्हें कोई हिंदू जाट नहीं मिला चुनाव लड़ने के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के जाट इस षड्यंत्र को कब समझेंगे की जयंत चौधरी और अखिलेश को अपनी कुर्सी से मतलब है उसे जाट से कोई मतलब नहीं चाहे जाट कैराना कांधला शामली मुजफ्फरनगर में शांति दूतों के हाथों मारा जाए अपना घर बाहर छोड़ कर शरणार्थी बन जाए।अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की कारगुज़ारीया निम्न जारी की गई प्रत्याशीयो की सूची से स्पष्ट होता हैं :-
बुलंदशहर से हाजी यूनुस
कैराना से नाहिद हसन
किठौर से शाहिद मंजूर
मेरठ से रफीक अंसारी
बागपत से अहमद हमीद
धौलाना से असलम चौधरी
कोल से मो.सलमान
अलीगढ़ से जफर आलम
ये है जाट लैड के समर्थको को अखिलेश यादव और जयंत चौधरी का तोहफ़ा
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