काशीपुर का चैती बाल सुंदरी मंदिर

 काशीपुर का चैती मंदिर है सिद्ध पीठ जहां पर मां भगवती बालस्वरूप में है विराजमान

( संजय वर्मा )




उत्तराखंड के उधम सिंह नगर  जनपद में काशीपुर स्थित मां बाला सुंदरी मंदिर जिसको चैती मंदिर के नाम से भी जाना जाता है एक सिद्ध पीठ है ।इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह 52 शक्तिपीठों में से एक है जहां पर मां भगवती अपने बाल स्वरूप में विराजमान होकर अपने भक्तों का कल्याण करती है, मंदिर के पुजारी विकास अग्निहोत्री ने मंदिर की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि यह 500 वर्ष पुराना मंदिर है ।जिसका निर्माण कट्टर मुस्लिम बादशाह औरंगजेब ने अपनी बहन जहांआरा के माता रानी की कृपा से स्वस्थ होने के पश्चात कराया था । मंदिर के चारों ओर बने हुए बुर्ज छोटे-छोटे गुंबद खडे है जिन्हें देखकर मुगल शैली में बने मंदिरों की याद हो आती है यह मंदिर बना जरूर लेकिन औरंगजेब की कट्टरता  के  निशान मस्जिदनुमा गुम्बदो   को देखकर जहन  में आते हैं क्योंकि इस्लाम में मंदिर तोड़ने का तो प्रावधान है लेकिन मंदिर निर्माण का नहीं उत्तराखंड हेरिटेज में यह मंदिर सुमार है, जहां पर चैत्र महीने में प्रतिवर्ष एक महा का मेला लगता है। जिसमें लाखों श्रद्धालु माता बाला सुंदरी के दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं ।विगत दिनों मंदिर के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस मंदिर की यही विशेषता है कि यहां पर एक कदम का पेड़ है जो अंदर से जला हुवा खोखला है लेकिन आज भी हरा भरा है मंदिर के मुख्य पुजारी विकास अग्निहोत्री ने बताया कि मेरे पूर्वजों इस मंदिर के पुजारी थे । उन्होंने इस मंदिर की महिमा और शक्ति को सत्यापित करने के लिए एक बार किसी नास्तिक व्यक्ति को मां की शक्ति का प्रमाण देने के लिए पहले सरसों के दाने डालकर इस कदम के पेड़ को झुलसा दिया जला दिया और उसके बाद मां की कृपा से युक्त जल इस पर छिड़क कर जीवंत और हरा भरा कर दिया तब से यह पेड अंदर से जला हुआ  खोखला है लेकिन बाहर से मां बाला सुंदरी कृपा से हरा भरा है जो एक आश्चर्य है। देवभूमि उत्तराखंड इस प्रकार जगह-जगह देवी देवताओं की कृपा का स्थल सदैव से बना हुआ है।

No comments:

Post a Comment

Featured Post

पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने पहाडो, से पलायन पर प्रकट की चिंता

  2019 के भू संशोधन कानून ने बहुत बडे पैमाने पर भूमि विक्रय और अधिग्रहण को बढ़ावा दिया है– नैथानी  दिल्ली में प्रवासियों को अपने बंजर खेतों ...