समरसता का पर्व है लोहड़ी

 लोहड़ी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है।


लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है यह मकर सक्रांति के 1 दिन पहले मनाया जाता है मकर सक्रांति की पूर्व संध्या पर इस त्यौहार को उल्लास के साथ मनाया जाता है रात्रि में खुले स्थान पर परिवार और आस-पड़ोस के लोग मिलकर आग के किनारे बैठ कर रेवड़ी मूंगफली आदि खाते हैं।

लोहड़ी का त्यौहार किसानों  का नया साल भी माना जाता है लोहड़ी को सर्दियों के जाने और बसंत के आने का संकेत भी माना जाता है।

लोहड़ी का त्यौहार फसल की कटाई और बुवाई के तौर पर भी मनाया जाता है इस दिन लोग आग जलाकर इसके इसके आसपास नाचते गाते और खुशियां मनाते हैं आग में गुड़ तिल रेवड़ी गजक डालने और इसके बाद ऐसे एक दूसरे को बांटने की परंपरा है एक दिन तिल के लड्डू भी बांटे जाते हैं यह त्यौहार पंजाब में फसल काटने के दौरान मनाया जाता है इस दिन रबी की फसल को आग में समर्पित कर सूर्य देव और अग्नि देव का आभार प्रकट किया जाता है आज के दिन किसान फसल की उन्नति की कामना करते हैं।

No comments:

Post a Comment

Featured Post

आर एस एस ने चलाया गंगा स्वच्छता अभियान

 * आरएसएस स्वयंसेवको ने गंगा से निकला 25 टन कचरा*  हरिद्वार 20अक्टूबर  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हरिद्वार नगर के मध्य हरिद्वार मण्डल द्वारा आज...