धामी सरकार में फर्जी पत्रिका को मिला लाखों का विज्ञापन

 

हरिद्वार 23 जनवरी उत्तराखंड सरकार में भ्रष्टाचार का क्या हाल है इसका एक नमूना पत्रकारों के संगठन ने अपने पत्र के माध्यम से लोकायुक्त ,मुख्य न्यायधीश और राज्यपाल को सूचना विभाग की कारगुजारी यों के खिलाफ पत्र लिखकर पेश किया । जिसके अंतर्गत दिल्ली से छपने वाली एक फर्जी पत्रिका को लाखों रुपए का भुगतान किया गया है जिसमें टीडीएस तक नहीं काटा गया है इस कार्य में सीधे मुख्यमंत्री और उत्तराखंड लोक संपर्क विभाग सन लिप्त है जबकि छोटे अखबारों को विज्ञापन ना देने की पॉलिसी बनाई हुई है। जिन की सेटिंग  है।  उन्हें बड़े-बड़े विज्ञापन मिल रहे हैं छोटे और मझोले अखबार जिनकी आला अधिकारी तक पहुंच नहीं है उन्हें केवल आश्वासन ही मिलते हैं आचार संहिता लगने से पहले भी बड़े अखबारों को धामी सरकार ने अंधाधुंध विज्ञापन बांटे लेकिन छोटे और बिना पहुंच वाले अखबारो को कुछ भी नहीं दिया गया।


जिससे अखबार निकालने वाले प्रकाशकों में भारी रोष है।

प्रतिष्ठा में, 

माननीय लोक आयुक्त जी

उत्तराखंड प्रदेश, देहरादून ।


विषय : उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री महोदय द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से लाभ पहुंचाने के सम्बंध में शिकायत ।


मान्यवर महोदय,

उक्त विषय में अवगत कराना है कि उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री द्वारा निर्धारित नियमों को दर किनार करके नई दिल्ली की मासिक पत्रिका "खबर मानक" का RNI द्वारा 9 सितम्बर 2020 को शीर्षक आवंटित किया गया है । आज दिनांक 23 जनवरी 2022 तक पत्रिका को पंजीकरण नम्बर आवंटित नहीं हो पाया है । RNI  नई दिल्ली द्वारा अपने पत्र दिनांक 16 सितंबर 2021 में प्रेस के अनुबन्ध की प्रमाणित प्रति, इंप्रिंट लाइन इज इंकरेक्ट की आपत्ति लगाई है । पत्रिका को आज तक आर. एन.आई. नम्बर तक नहीं

मिल पाया है । ऐसी पत्रिका को  एक मुश्त रुपये 71 लाख 99 हजार 992 पैसे 80 का विज्ञापन आदेश दिया जाना कई सन्देह पैदा करने वाला है । उक्त पत्रिका के स्वामी जनार्दन कुमार H. No.70, आराम पार्क, रामनगर, चंदू पार्क, नियर कबीला  रेस्टोरेंट, नई दिल्ली- 110051 है । इस प्रकरण में उत्तराखंड सरकार के सूचना महानिदेशक भी निश्चित रूप से दोषी है । उनका कर्तव्य था कि वह मुख्यमंत्री महोदय के अनुचित आदेश जो विज्ञापन के रूप में किसी को नियम विरुद्ध तरीके से उपकृत करने का था मानने से इनकार करते हुए मुख्यमंत्री महोदय को विज्ञापन जारी करने की प्रक्रिया से अवगत कराया जाना उनका कर्तव्य था । इस प्रकार से मुख्यमंत्री महोदय के साथ सूचना महानिदेशक भी बराबर के दोषी माने जाने चाहिए ।

अतः तत्काल ही इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के साथ ही इस पत्रिका को भुगतान को रोकने के आदेश पारित किया जाना न्यायहित में उचित होगा । साथ ही मेरी शिकायत को परिवाद के रूप में दर्ज करके कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए ।


सादर अभिवादन ।


भवदीय

अशोक कुमार नवरत्न

पूर्व सदस्य

भारतीय प्रेस परिषद

मोबाइल : 9412274763, 9140545534

Email : ashoknavratan@gmail.com

23 जनवरी 2022


प्रतिलिपि आवश्यक कार्यवाही हेतु :

1-महामहिम श्री राज्यपाल जी, उत्तराखंड, राज भवन, देहरादून ।


2-माननीय मुख्य न्यायाधीश जी

उच्च न्यायालय, नैनीताल

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