रुड़की में प्रारंभ हुआ संघ का प्रशिक्षण वर्ग

 !!संघ कार्य के लिए प्रशिक्षण वर्ग का महत्व!!




राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने स्थापना काल से ही शाखा के माध्यम से व्यक्ति निर्माण को महत्व देता है। व्यक्ति निर्माण संघ द्वारा समय-समय पर लगने वाले प्रशिक्षण वर्गों से ही होता है।.....


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सांगठनिक जिला रुड़की का प्राथमिक शिक्षा वर्ग आज रुड़की इंजीनियरिंग कालेज बाजूहेड़ी में प्रारंभ हुआ। प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माननीय विभाग संघचालक सेवानिवृत्त पूर्व वैज्ञानिक श्रीमान रामेश्वर कुलश्रेष्ठ ने कहां कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने स्थापना काल से ही शाखा के माध्यम से व्यक्ति निर्माण को महत्व देता है।

वर्ग में शिक्षार्थियों को सम्बोधित करते हुए मुख्यवक्ता श्री रामेश्वर कुलश्रेष्ठ जी ने कहा कि संघ संस्थापक डा.हेडगेवार की स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण देने की पीछे की सोच उनमें अनुशासन तथा समूहिक भावना के निर्माण की थी। इसका निर्माण स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण से ही हो सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्थापना का उद्देश्य  हिंदू समाज को जागृत करना तथा संगठित करना है। इस दिशा में कार्य करते हुए संघ पिछले 95 वर्षों से निरंतर नए आयामों को प्राप्त कर रहा है।

प्रशिक्षण वर्गों से स्वयंसेवक तथा संगठन दोनों को लाभ होता है। वर्ग में आकर प्रशिक्षार्थी पूरी तरह से वर्ग की दिनचर्या का पालन करते हुए संघ के वातावरण में डूब जाता है। वर्ग में इन सात दिनों के चौदह सत्रों जो भी जिला,विभाग,प्रांत,क्षेत्र के जो भी वक्ता उपलब्ध रहते हैं। वे सब भी वहीं रहते,खाते और अन्य गतिविधियों में शामिल होते हैं। उनके साथ औपचारिक तथा अनौपचारिक बातचीत में शिक्षार्थी की संघ संबंधी जानकारी बढ़ती है। उसके मन की जिज्ञासाओं का समाधान होता है। जो सदा उसके जीवन में लाभ देती है।

वर्ग में स्वयंसेवक की शारीरिक और मानसिक क्षमता बढ़ती है। इसका लाभ वर्ग के बाद उसकी शाखा को मिलता है। इससे शाखा की गुणवत्ता बढ़ती है तथा नये स्थानों पर शाखाओं का विस्तार होता है। वर्ग में सब एक साथ रहते, खेलते और खाते-पीते हैं। पड़ोसी स्वयंसेवक किस जाति और क्षेत्र का है, इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। वह किसान है या मजदूर, वकील है या डाक्टर, छात्र है या व्यापारी, नौकरी करता है या बेरोजगार, धनी है या निर्धन, शिक्षित है या अशिक्षित, ये सब बातें गौण हो जाती हैं। सबके मन में यही भाव रहता है कि स्वयंसेवक होने के नाते हम सब भाई हैं। भारत माता हम सबकी माता है।

वर्ग की दिनचर्या प्रशिक्षार्थियों में अनुशासन और दिनचर्या का प्रभाव पड़ता है। घर में वह अपने मन से सोता,जागता,खाता और रहता है; पर वर्ग में वह धरती पर अपना बिस्तर लगाकर सबके साथ रहता है। प्रातः चार बजे से रात दस बजे तक की कठिन दिनचर्या का पालन करता है। अपने बर्तन और कपड़े स्वयं धोता है। भोजन अति साधारण और निश्चित समय पर होता है। वर्ग में प्रत्येक शिक्षार्थी को अपनी बारी आने पर भोजन वितरण भी करना होता है। 

प्राथमिक शिक्षा वर्ग से प्रशिक्षार्थियों में स्वावलम्बन की भावना का विकास होता है।  जीवन के किसी क्षेत्र में कभी मार नहीं खाता। शिक्षा वर्ग न केवल शिक्षार्थियों, अपितु व्यवस्था में लगे सभी कार्यकर्ताओं के लिए भी वरदान बनकर आता है।2 जनवरी से प्रारंभ तथा 10 जनवरी,2022 की दीक्षांत तक चलने वाले वर्ग में प्रशिक्षार्थी व्यवस्था सहित 300 स्वयंसेवक,कार्यकर्ता प्रतिभाग कर रहे हैं।

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