हरिद्वार मैं शुरू हो गया है कांवडियों का आगमन

 हरिद्वार में चुनाव बाद के सन्नाटे को तोड़ रहा है कांवडियों का आगमन

 हरिद्वार 18 फरवरी (वीरेंद्र शर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार )उत्तराखंड में चुनाव के बाद फैले सन्नाटे को तोड़ने का काम कावड़िए कर रहे हैं उनके आने से जहां व्यापारियों के चेहरे खेलने शुरू हो गए हैं वहीं दूरदराज से आए कावड़िए गंगाजल भरकर अपने गंतव्य के लिए प्रस्थान करने लगे हैं । माघ मास की पूर्णिमा के पश्चात हरिद्वार  मैं शिवरात्रि महोत्सव प्रारंभ हो गया है 28 फरवरी को यह मेला चरम पर होगा। शिवरात्रि कावड़ मेला हरिद्वार के व्यापारियों के लिए दीपावली के बाद की मंदी के खत्म होने का संदेश लेकर आता है और हरिद्वार वासियों को व्यापार के रूप में नई ऊर्जा प्रदान करके जाता है। माघ मास की पूर्णिमा पर दूर-दराज से आए कावडियो ने गंगा स्नान कर अपनी काँवड में गंगा जल भर के अपने गंतव्य के लिए प्रस्थान किया और यहीं से हरिद्वार में बम बम की गूंज सुनाई देने लगी । व्यापारी नेता संजीव नैयर, महेन्द्र अरोडा, राजू वधावन, अनूपम त्यागी,  नरसिंह भवन धर्मशाला के प्रबंधक राजेंद्र राय का कहना है कि फागुन मास में पडने वाली शिवरात्रि से ही हरिद्वार का व्यापार शुरू होता है,जो चार धाम यात्रा प्रारंभ होने तक धीमे -धीमे चलता रहता है ।चार धाम यात्रा प्रारंभ होने से जहां हरिद्वार का सीजन अपने चरम पर पहुंच जाता है वही शिवरात्रि पर्व पर आने वाले कावड़िए हरिद्वार के लिए समृद्धि का संदेश लेकर आते हैं। यहां यह बताते चलें कि इस कांवड़ मेले की सरकार और  जिला प्रशासन की ओर से कोई विशेष व्यवस्था नहीं की जाती है । स्थानीय प्रशासन ,पुलिस प्रशासन ,नगर निगम ही इन लोगों के लिए सुविधाएं प्रदान करने का काम करता है जबकि कावड़ मेला उत्तराखंड का एक बड़ा कांवड़ मेला है लबे समय से हरिद्वार वासी ,व्यापारी सामाजिक संगठन फागुन मास में पडने वाले शिवरात्रि कावड़ मिले को भी सावन मेले की भांति ही अधिसूचित करने की मांग कर रहे हैं। अब यह देखना है कि राज्य सरकार, जिला प्रशासन शिवरात्रि कांवड़ मेले में आने वाले लाखों शिव भक्तों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए कावड़ मेले को कब मान्यता देगा ।


शिव भक्तों को उत्तराखंड सरकार कब सुविधाएं देगी यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन शिवरात्रि कांवड़ मेले में आने वाले लाखों लाखों शिव भक्तों को सरकार की ओर से कोई भी सुविधा सुरक्षा इत्यादि ना मिलना शिव भक्तों के साथ सरासर अन्याय है।

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