अखाड़ा परिषद महामंत्री ने लता मंगेशकर के निधन पर जताया शोक,
आत्मशांति के लिए विशेष प्रार्थना
हरिद्वार6 फरवरी (गोपाल रावत वरिष्ठ पत्रकार) अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री एवं श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने देश की शान स्वर कोकिला लता मंगेशकर के आकस्मिक निधन पर दुःख जताते हुए श्रद्वांजलि दी। जूना अखाड़ा के देश भर मे फेले विभिन्न शाखाओं पर स्व0लता मंगेशकर की आत्म शांति के लिए विशेष पूजा अर्चना की गईं श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने लता मंगेशकर को सुरो की दुनिया का अनमोल रत्न बताते हुए कहा कि स्व0लता का जाना सभी के लिए काफी स्तब्धकारी है। उन्होने कहा कि लता मंगेशकर स्वर, सनातन संस्कृति, सात्विक जीवन की पतिमूर्ति थीं। लता मंगेशकर की गायिकी की तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती। सदियों मे कभी एक बार इस तरह की विभूति इस धरती पर जन्म लेती हैं। लता मंगेशकर को संगीत और सुरों का दिव्य अवतार बताते हुए जूना अखाड़ा सहित संत समाज की ओर से उन्हे भावभीनी श्रद्वांजलि दी। जूना अखाड़ा के अन्य संतो ने भी सुर समाज्ञी लता मंगेशकर के आकस्मिक निधन पर शोक जताते हुए इसे देश की क्षति बताया। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बताया कि स्वर कोकिला की आत्म शांति के लिए देशभर में फेले जूना अखाड़ा के विभिन्न शाखाओं में विशेष पूजा अर्चना की गई।
No comments:
Post a Comment