!!छात्रों में अविष्कारक सोच और कौशलात्मक
गतिविधियां होना हैं आवश्यक :-युद्ध वीर जी
जवान,किसान और विज्ञान राष्ट्र के विकास प्रथम आधारशिला हैं। सीमाओं पर राष्ट्र की सुरक्षा हेतु जवान,खाद्यान की पर्याप्त उपलब्धता के लिए किसान और अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी दृष्टिकोण से विज्ञान देश के लिए बहुत अहम् हैं, इसलिए हम कह सकते हैं कि विज्ञान ही हमारे राष्ट्र के विकास की प्रमुख आधारशिला है।......
रूडकी 28 फरवरी (कमल किशोर डुकलान रूडकी) छात्रों में वर्तमान परिवेश तथा भविष्य में आने वाली प्रत्येक ज्वलंत समस्याओं के समाधान एवं उनमें वैज्ञानिक अविष्कार की सोच विकसित करने के उद्देश्य से वासुदेव लाल मैथिल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज ब्रह्मपुर रुड़की में विज्ञान प्रदर्शनी एवं कौशलात्मक गतिविधियों का आयोजन किया है। विज्ञान दिवस के अवसर पर छात्रों द्वारा निर्मित विज्ञान मॉडल एवं कौशलात्मक क्रियाओं का उद्घाटन श्रीमान युद्धवीर जी आदरणीय प्रांत प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तराखंड ने मां शारदा के चित्र पर दीप प्रज्जवलित कर किया।
विज्ञान प्रदर्शनी एवं कलात्मक गतिविधि प्रदर्श के अवसर पर विद्यालयी छात्रों एवं गणमान्य जन समूह को सम्बोधित करते हुए प्रांत प्रचारक श्रीमान युद्धवीर जी ने कहा कि वर्तमान समय में वैज्ञानिक नित्य नूतन अनुसंधान से ही वर्तमान समय में प्रत्येक ज्वलंत समस्या का समाधान संभव है।विद्यालयी छात्रों द्वारा निर्मित विज्ञान मॉडल एवं कलात्मक गतिविधियों से जहां विद्यालयी छात्रों में क्षमता का विकास और प्रतिस्पद्र्धा की भावना बढ़ती वहीं विज्ञान विषय के प्रति छात्रों में अभिरूचि भी पैदा होती है। इसीलिए विद्यालय द्वारा ऐसे आयोजनों से छात्रों को न केवल अधिक से अधिक संख्या में भाग लेना चाहिए,बल्कि अभिभावकों को भी छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
कार्यक्रम में विज्ञान प्रदर्शनी की प्रस्तावना रखते हुए संयोजक श्री कमल किशोर डुकलान ने कहां कि छात्रों के द्वारा तैयार विज्ञान मॉडल तथा कौशलात्मक गतिविधियों द्वारा अपने वैज्ञानिक विचारों से कक्षा शिक्षण को प्रोत्साहित करना। छात्रों में विज्ञान प्रदर्शनी एवं कौशलात्मक गतिविधियों द्वारा विद्यालय के शिक्षकों के माध्यम से विज्ञान संबंधी आकर्षण पैदा करना तथा प्रतिभाशाली छात्रों को उचित मंच प्रदान करना है।विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन जहां छात्रों के मानसिक एवं बौद्धिक विकास में मदद करता है। वहीं छात्रों में वैज्ञानिक अविष्कारक की सोच भी विकसित करता है। विद्यालय पिछले तीन-चार वर्षों से विद्यालय के द्वारा विज्ञान मॉडल एवं कौशलात्मक गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पिछले कोरोना प्रतिबंधों में छात्रों द्वारा विज्ञान मॉडल एवं कलात्मक गतिविधियां अॉनलाइन प्रदर्शित की गई जिन्हें काफी मात्रा में सराह गया।
श्रीमती सुनीता सिंह ने विज्ञान दिवस पर डाक्टर चन्द्रशेखर वैंकटरमण के बारे में विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। समारोह में माननीय विभाग संघचालक श्रीमान रामेश्वर कुलश्रेष्ठ जी द्वारा छात्रों की हस्तलिखित पत्रिका"अक्षत" का विमोचन किया गया। विद्यालय की आचार्या श्रीमती नेहा गुप्ता के संचालन में चले कार्यक्रम में विद्यालय के व्यवस्थापक श्रीमान प्रदीप सचदेव जी ने सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत एवं अभिनन्दन किया। प्रधानाचार्य श्री वीरपाल सिंह यादव ने कार्यक्रम में आये अतिथि एवं अभ्यागतों का धन्यवाद ज्ञापित किया।कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय का समस्त आचार्य स्टाफ एवं कर्मचारियों सहित बड़ी संख्या में अभिभावक मौजूद थे।
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