सूफी गायकी में अपूर्व पालीवाल उत्तराखंड में चमकता हुआ एक नाम

 अपूर्व पालीवाल के 'साधुवाद' कंसर्ट में जम कर झूमे श्रोता





हरिद्वार 27 मार्च (विजयेन्द्र पालीवाल) बहुत  तेजी के साथ उभर रहे उत्तराखंड हरिद्वार के सूफी गायक अपूर्व पालीवाल की अगुआई में, सूफी संगीत और विशुद्ध भारतीय शास्त्रीय संगीत के संयोजन से साथ अस्तित्व में आया, देश का पहला शास्त्रीय संगीत बैंड 'साधुवाद' चिन्मय एडवान्स रिसर्च एजूकेशन (केअर), बहादराबाद के आॅडीटोरियम में हुए अपने प्रथम कंसर्ट के रूप में संगीत प्रेमियों के समक्ष प्रस्तुत हुआ। इस दौरान श्रोताओं की तालियों की गड़गड़ाहट से यह आॅडीटोरियम देर रात तक लगातार गूंजता रहा।

    मातु सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन के साथ प्रारम्भ हुई, गीत और संगीत की इस शाम का आगाज़, वीणा पाणि को समर्पित भजन 'जयति जय जय माँ सरस्वती, जयति वीणा धारिणी' के साथ हुआ। इसके उपरांत विभिन्न रागों और विधाओं में बैंड के कलाकारों ने   अपनी प्रस्तुतियाँ रखीं, जिसमें राग असवारी की बहयलता रही। एक के बाद एक आई इन प्रस्तुतियों में -'सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम', बड़े गुलाम‌अली खां की लोकप्रिय ठमरी 'बाजुबंद खुल खुल जाये', भगवान कृष्ण को समर्पित साँवल 'कदि आ मिल साँवल प्यार में', 'छाप तिलक सब छीनी तोसे नैना मिलाई के', 'एरी सखी मंगल गाओ री', 'सानू इक पल चैन न आवे सजना तेरे बिना', बुल्ले शाह की संगीत रचना 'तेरे इश्क नचाया करके थैया थैया', कव्वाली 'तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी, मोहब्बत की राहों में आ कर तो देखो' और 'सादगी तो हमारी ज़रा देखिये, ऐतबार आपके वादे पर कर लिया' विशेषरूप से मंत्रमुग्ध कर दिया।

    इन सभी प्रस्तुतियों में अपूर्व का साथ अनेक बाॅलीवुड फिल्मी गीतों में प्यानो बजाने वाले मुम्बई के अद्वैत, जयपुर के प्रियम (वोकल), देहरादून के रविन्द्र पाल (गिटार) के साथ-साथ हरिद्वार से तबले पर युवराज व उद्भव आर्या और रुद्र प्रताप सिंह (वोकल) ने संगत करते हुए दिया।

    बैंड ने 'लग जा गले' व 'आपकी नज़रों ने समझा' के साथ गत दिनों दिवंगत हुईं विश्वविख्यात संगीत सम्राज्ञी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि भी दी, तो बैंड के संस्थापक अपूर्व पालीवाल द्वारा प्रस्तुत किये गये गीत 'झनक झनक तोरी बाजे पायलिया पर कुशल नृत्यांगना वैष्णवी झा ने शानदार व चित्ताकर्षक कत्थक प्रस्तुति दी। 'केअर' संस्थान के कलाकार गौरव रस्तोगी 'तोरे बिना लागे नहीं म्हारा जिया रे' प्रस्तुत किया। इसी अवसर पर 'साधुवाद बैंड' के थीम वीडियो की भी प्रस्तुति की गयी। 

     उल्लेखनीय है कि 2011 में अमेरिका के सान फ्रांसिस्को में अपने गीतों को ब्राडकास्ट करा चुके जाज़ गायक अपूर्व पालीवाल देश के विख्यात सूफी गायक कैलाश खेर की शागिर्दी में अपने संगीत को आगे बढ़ा रहे हैं।  मुंबई में  sound engg. के साथ साथ  पेरिस में  पाश्चात्य  संगीत की  शिक्षा ले चुके अपूर्व ने शीघ्र आने    वाली विवेकानन्द फिल्म‌ में संगीत देने के साथ-साथ गीत भी गाये हैं। कई लघु फ़िल्मों , विज्ञापन फ़िल्मों,  डाक्यूमेंट्री में  संगीत दे चुके म्यूजिक कंपोज़र अपूर्व ने कार्यक्रम के बाद 'साधुवाद' के बारे में बताया कि इस बैंड की स्थापना लगभग दो वर्ष पहले हुई थी, लेकिन लाॅक डाउन के कारण अधिकांश कार्यक्रम आनलाइन ही होते रहे थे। उन्होंने बताया कि 'साधुवाद' में अनेक विदेशी कलाकार भी जुड़े हुए हैं। कहा कि जल्दी ही 'साधुवाद' दिल्ली, मुम्बई, जयपुर या किसी‌ मैट्रो शहर में अपना कार्यक्रम आयोजित करेगा।

        कार्यक्रम में केअर के निदेशक   आर  के शर्मा  जी ने  दीप प्रज्वलित कर अपने कालेज की और से सभी का स्वागत किया, विजयेंद्र पालीवाल ने केयर कालेज आफ़ नर्सिंग का आभार व्यक्त करते हुए  वहां के समस्त  छात्रों छात्राओं एवं  स्टाफ को धन्यवाद किया कार्यक्रम में निदेशक  श्रीमती प्रीत शिखा शर्मा, अतिरिक्त निदेशक शुभांगी शर्मा, विद्या विहार एकेडमी की प्रधानाचार्या शोभना पालीवाल, एंजिल्स एकेडमी सी से स्कूल की प्राचार्या श्रीमती रश्मि चौहान,  सरस्वती पब्लिक सी से स्कूल के निदेशक अमित चौहान,  पारुल चौहान पाइन   क्राइस्ट के निदेशक कुलदीप खंडेलवाल,   अनिरुद्ध विशिष्ठ,  आशुतोष,  विनोद मेहता, पारुल चौहान,  पूजा शर्मा, नेहा, अंकिता, तनूजा, संपादक चेतना पथ अरुण कुमार पाठक,  संगीता सक्सैना, एडवोकेट रविन्द्र दत्ता, शिवांगी, , संकल्प पारिक (जयपुर) आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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