परम पूज्य गुरुदेव का अलौकिक दिव्य सांकेतिक छाया चित्र एक हाथ मे घड़ी जो समय चक्र की ओर संकेत कर रहा है तथा दूसरे हाथ मे मुकुल मुद्रा जिसे समान मुद्रा या सुकरी मुद्रा कहते है मुकुल मुद्रा के विषय में स्वामी गोविंद गिरी देव जी महाराज बताते हैं कि
मुकुल मुद्रा से तन मन बुद्धि में समन्वय होने से मन प्रसन्न रहता है संकल्प शक्ति बढ़ती है। इससे पराक्रम और शक्ति का उदय होता है इससे ऐश्वर्य और परमानंद की प्राप्ति होती है।योग साधना में अष्टांग योग के अलावा मुद्राओं का भी विशेष महत्व है मुद्राए आसनों का एक रूप है मुद्रा से शारिरिक और मानसिक आध्यात्मिक शक्तियों का विकास होता है मुद्राओं में इन्द्रीयों की भूमिका कम और प्राणों की ज्यादा होती है।
यह मेरा व्यक्तिगत चिंतन है। आप सब स्वविवेक अनुसार चिंतन कर अनुभूति वर्णन कर सकते है।
संकलनकर्ता :-
विजय उपाध्याय
Advocate
District & session Court haridwar .
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