कविता

 अभीव्यक्ति है जो मन की बात दूजे मन तक पहुंचाती हैl

चित्रकार की तुलिका सी कवि कलम सब कह जाती


है।

अरुणोदय की आशा किरण सांझ की ज्योति जगाती है।

नित्य नूतन संघर्ष युद्ध में विजय श्री का पाठ पढ़ाती है।

आनंद शोक  सपने जीवन जग के ज्ञान को सहज बनाती है।

वेदव्यास  ज्ञानेश्वर काली तुलसी सूर कबीर बनके गाती है ।

जो नियति के नियत को गाती है वह कविता कहलाती है।। 

-©विjयोति

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