स्वामी सर्वेश्वरानंद महाराज को संत समाज ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि
हरिद्वार 17 अप्रैल भूपतवाला स्थित रानी गली मे श्री सर्वेश्वर आश्रम के ब्रह्मलीन परमाध्यक्ष स्वामी सर्वेश्वरानंद महाराज को उनकी प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर संत समाज ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की , जूना अखाड़ा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव श्री महंत देवानंद सरस्वती महाराज की अध्यक्षता एवं महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज के संचालन में आयोजित प्रथम पुण्यतिथि श्रद्धांजलि सभा में भारत माता मंदिर के श्री महंत एवं निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने ब्रह्मलीन स्वामी सर्वेश्वरानंद महाराज को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि महाराज श्री त्याग, तपस्या और धर्म की प्रतिमूर्ति थे ।उन्होंने सारा जीवन गंगा तट पर स्थित अपनी कुटिया में व्यतीत किया और यहीं पर उन्होंने जप तप,ध्यान कर इस स्थान को जागृत किया ।समारोह की अध्यक्षता करते हुए जूना अखाड़ा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव श्री महंत देवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि स्वामी सर्वेश्वरानंद महाराज वीतरागी संत थे । जो परम तपस्वी , गंगा ,गौ भक्त थे। उन्होंने अपना सारा जीवन धर्म के प्रचार प्रसार ,गौ रक्षा के संरक्षण एवं संवर्धन में व्यतीत किया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज ने कहा कि स्वामी सर्वेश्वरानंद महाराज का गंगा जी के प्रति अपार निष्ठा थी इसीलिए उन्होंने रानी गली मे गंगा जी के निकट ही अपनी कुटिया का निर्माण किया और उसका नाम सर्वेश्वर आश्रम रखा ।यह उनका गंगा जी के प्रतिश्रद्धा भाव ही था कि उन्होंने गंगा तट पर एक आश्रम बनाकर यहां पर आने वाले यात्रियों श्रद्धालु भक्तों को धर्म कर्म करने का स्थान उपलब्ध कराया । नगर निगम में पार्षद दल के उप नेता अनिरुद्ध भाटी ने स्वामी सर्वेश्वरानंद महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी शिष्या साध्वी राजमाता तथा महंत स्वामी केशवानंद महाराज के प्रति मंगलकामनाएं प्रकट करते हुए कहा कि अपने गुरुदेव की निष्ठा भाव के साथ सेवा करते हुए साध्वी राजमाता तथा महंत स्वामी केशवानंद महाराज ने उनकी प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर जो विशाल कार्यक्रम आयोजित किया है वह उनकी गुरु भक्ति को प्रकट करता है। हमे विश्वास है कि भविष्य में भी अपने गुरुदेव के बताए हुए मार्ग का अनुसरण करते हुए संस्था और आश्रम को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे । इस अवसर पर विभिन्न अखाड़ों आश्रमों के संत महंत हरियाणा पंजाब से आए ब्रह्मलीन स्वामी सर्वेश्वर महाराज के शिष्य भगत जन उपस्थित रहे।
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