अवैध धर्मांतरण, समान नागरिक कानून जैसे प्रस्ताव पारित कर संपन्न हुआ विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल उपवेशन
हरिद्वार 12 जून (संजय वर्मा) विश्व हिंदू परिषद केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल (उपवेशन) के द्वितीय सत्र की अध्यक्षता जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने की जिसमें कुटुंब प्रबोधन के माध्यम से समाज में पारिवारिक आत्मीयता एवं देश के प्रति जिम्मेदारी का भाव जागृत करने के उद्देश्य से कार्य करने की आवश्यकता , देश में निर्बाध चल रहे अवैध धर्मांतरण पर तत्काल रोक लगाने के लिए कठोर कानून बनना चाहिए ,देश में समान नागरिक कानून को व्यापक विचार विमर्श के पश्चात सर्वसम्मति से आधार पर कानून लागू करना चाहिए, देश के सभी मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर किया जाए। ऐसे 4 प्रस्तावों पारित करने के साथ विश्व हिंदू परिषद का दो दिवसीय केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल उपवेशन संपन्न हुआ।
द्वितीय सत्र की अध्यक्षता करते हुए जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद की यह बैठक संत समाज के विचारों का मंथन है जिससे अमृतरूपी विचार निकलेगें। जिससे सम्पूर्ण विश्व में सार्थक संदेश जाएगा। देश की ज्वलंत समस्याओं पर आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि यह विधर्मियों की सोची समझी साजिश है जिसके खिलाफ केन्द्र सरकार प्रभावी कानून बनाए। कृष्णानंद महाराज ने पंजाब के वर्तमान हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पंजाब में 1984 का आतंकवाद के भीषण दौर को दोहराने के कगार पर हैं, सिक्ख गुरुओं की शिक्षा पर चलने की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश के संग्राम जी महाराज ने कहा हिन्दू धर्म ग्रंथों का विस्तार हिमालय से भी ऊंचा है। केंद्रीय मार्गदर्शक मण्डल की दो दिवसीय बैठक (उपवेशन) के दो सत्रों उपस्थित रहें देश के शीर्ष संतों धर्माचार्यों ने समान नागरिकता कानून को उत्तराखण्ड राज्य में लागू करने की प्रतिबद्धता पर उत्तराखण्ड सरकार का धन्यवाद करते हुए हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव की सभी को शुभकामनाओं के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन चरित्र को आत्मसात करने का संदेश दिया। देश की वर्तमान परिस्थितियों पर गहन चिन्तन मंथन करने के पश्चात सर्वसम्मति से 4 विषयों को महत्त्वपूर्ण मानते हुए निम्नलिखित प्रस्ताव को पारित किया गया –
1. कुटुम्ब प्रबोधन के माध्यम से समाज में पारिवारिक आत्मीयता एवं देश के प्रति जिम्मेदारी का भाव जागृत करने के उद्देश्य से कार्य करने की अवश्यकता हैं।
2. देश में निर्बाध चल रहे अवैध धर्मान्तरण पर तत्काल रोक लगाने हेतू कठोर कानून बनना चाहिए।
3. देश में समान नागरिक कानून को व्यापक विचार विमर्श के पश्चात सर्वसम्मति के आधार पर कानून लागू करना चाहिए।
4. देश के सभी मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर किया जाए।
इस अवसर पर उपवेशन में निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह, निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, युग पुरूष स्वामी परमानंद जी महाराज, श्रीमहंत रवीन्द्रपुरी महाराज, म.म.स्वामी प्रेमानंद, सिंधी समाज के धर्माचार्य शदाणी दरबार के लगभग पीठाधीश्वर डॉक्टर स्वामी युधिष्ठिर लाल महाराज ,मंडलेश्वर स्वामी जनार्दन हरी महाराज महाराष्ट्र, आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्मारक समिति के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत देवानंद सरस्वती महाराज, भारत माता मंदिर के श्रीमहंत एवं निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज, महंत रामकृष्ण दास, म.म.स्वामी जितेंद्रदास कानपुर, स्वामी निजानंद गुजरात, स्वामी रामदास हिमाचल, स्वामी आत्मानंद पुरी गुजरात, स्वामी चिदंबरानंद, आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती, स्वामी श्यामानंद चंडीगढ़, महंत ज्ञानानंद महाराज, साध्वी प्राची, म.म.रूपेन्द्रप्रकाश महाराज, स्वामी परमानंद सरस्वती उडीसा सहित देश भर से 178 शीर्ष संतों एवं 34 साध्वी धर्माचार्यो ने प्रतिभाग किया।
केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक (उपवेशन) का संचालन विहिप के केन्द्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने किया। उपवेशन में पधारे संतजनों का स्वागत विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेश चन्द्र, केन्द्रीय उपाध्यक्ष एवं राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय, केन्द्रीय संगठन महामंत्री विनायकराव देशपांडे, केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे, केन्द्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश सिंघल, केन्द्रीय मंत्री धर्मनारायण, राजेंद्र सिंह पंकज, राज बिहारी, केंद्रीय मंत्री एवं प्रांत अध्यक्ष उत्तराखंड रविदेव आनंद ने किया। इस अवसर पर प्रमुख रुप से प्रांत संगठन मंत्री उत्तराखंड अजय कुमार, क्षेत्र सेवा प्रमुख भारत गगन अग्रवाल, प्रांत संयोजक बजरंग दल अनुज वालिया, विभाग अध्यक्ष बलराम कपूर, जिला अध्यक्ष नितिन गौतम, जिला मंत्री भूपेंद्र सैनी, जिला उपाध्यक्ष प्रभाकर कश्यप, मयंक चौहान, अमित मुल्तानिया आदि उपस्थित
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