नवीन शिक्षा नीति में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आवश्यक : श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी
हरिद्वार 03 जून, (आकांक्षा वर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार)
काॅलेज के आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ द्वारा महाविद्यालय के व्याख्यान कक्ष में फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम के अन्तर्गत आज दूसरे दिन का कार्यक्रम अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, माँ मंशा देवी मन्दिर ट्रस्ट व काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, माँ मंशा देवी मन्दिर ट्रस्ट व काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज ने कार्यक्रम में उपस्थित होकर सभी प्राध्यापकों को अपनी शुभकामनायें प्रेषित की। श्री महन्त ने काॅलेज द्वारा चलाये जा रहे एफडीपी की प्रशंसा करते हुए कहा कि नवीन शिक्षा नीति में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम सबसे अहम है।
काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने उच्च शिक्षा उन्नयन एवं नवाचार के माध्यम से भारत पुनः विश्वगुरू के पद पर आसीन होगा। काॅलेज के प्रांगण में इस प्रकार के एफडीपी कार्यक्रम भविष्य में आगे भी होते रहेंगे, जोकि छात्र-छात्राओं व प्राध्यापकों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होंगे। डाॅ. बत्रा ने कहा कि एफडीपी का मुख्य उद्देश्य शैक्षिक समुदाय को भारतीय ज्ञान तंत्र की आवश्यकता, प्रासंगिकता और सार के प्रति एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करना है। विशेषकर उन शिक्षकों को, जो भारत के काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षण कर रहे हैं।
रिसोर्स प्रशन राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष विनय थपलियाल ने इन्सर्ट लर्निंग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यह शिक्षा के क्षेत्र में बहुत उपयोगी है। उन्होंने ई-लर्निंग को उत्तर आधुनिकता के परिपे्रक्ष्य में समझाया।
अर्थशास्त्र विभाग की डाॅ. रूचिता सक्सेना ने मूक/स्वयं की आवश्यकता और उसकी उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि मूक/स्वयं के माध्यम से विदेश में स्थित उच्च शिक्षा संस्थानों से भी शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि मूक स्वयं आनलाईन शिक्षा का ऐसा मंच है जो युवाओं को निशुल्क शिक्षा प्रदान करता है। डाॅ. प्रज्ञा जोशी ने बताया कि अब आनलाईन लर्निंग में बाॅयोलोजी जैसे विषय भी आसानी से समझ में आ जाते हैं। इंटरनेट के माध्यम से हम पेड़-पौधों एवं अन्य पर्यावरण सम्बन्धी जानकारी आसानी से तुरन्त प्राप्त कर सकते हैं।
पर्यावरण विज्ञान के डाॅ. विजय शर्मा ने बताया कि अपनी इच्छाशक्ति के माध्यम से किसी भी समस्या को पल में समाप्त कर सकते हैं। डाॅ. पदमावती तनेजा ने बताया कि वैदिक गणित के माध्यम से छात्रों में गणित जैसे विषय को रूचिकर तरीके से पढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। डाॅ. पुनीता शर्मा ने अपने बताया कि अगर हम अपनी शिक्षा को एडवांस टैक्नोलोजी से जोड़ते हैं तो सीखना और समझना बहुत आसान एवं मनोरंजक हो जायेगा। एफडीपी में की-नोट स्पीकर, रिसोर्स पर्सन एवं प्रतिभागियों को काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज व प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा द्वारा प्रमाण-पत्र वितरित किये गये।
कार्यक्रम का सफल संचालन आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के संयोजक डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी द्वारा किया गया तथा उनके द्वारा सभी का धन्यवाद प्रेषित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रसिद्ध समाजसेवी डाॅ. विशाल गर्ग, वाणिज्य विभागाध्यक्ष डाॅ. मन मोहन गुप्ता, समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, कु. अन्तिम त्यागी, डॉ सुगंधा वर्मा, वैभव बत्रा, श्रीमती कविता छाबड़ा, डाॅ. नितिका अग्रवाल, विनीता चौहान, दिव्यांश शर्मा, डाॅ. शिवकुमार चौहान, डाॅ. मनोज कुमार सोही, विनित सक्सेना, कु. योगेश्वरी, कु. सन्तोष, अंकित अग्रवाल, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. रेनू सिंह, , मोहन चन्द्र पाण्डेय सहित समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे।
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