योग भारतीय पुरातन संस्कृति की देन: वीके त्रिपाठी
****इंद्रलोक कालोनी, सिडकुल में हुआ, योग शिविर का शुभारंभ
हरिद्वार 24 जुलाई (आर एस मान संवादाता गोविंद कृपा रानीपुर क्षेत्र) वरिष्ठ समाजसेवी एवं पत्रकार वीके त्रिपाठी ने कहा कि योगी कभी रोगी नहीं होता। इसीलिए बेहतर स्वास्थ्य के लिए लोगों को योग की शरण में जितना होगा। योग प्रशिक्षक की देखरेख में निरंतर योगाभ्यास कर अपने शरीर को मजबूत बनाना होगा। स्वस्थ व्यक्ति ही परिवार, समाज और देश की सेवा करने में सक्षम होता है। इसलिए स्वास्थ्य लाभ के लिए लोगों को प्रतिदिन योगाभ्यास करना चाहिए एवं औरों को भी योग करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
गौरतलब है कि भारतीय योग संस्थान की पश्चमि जिला हरिद्वार इकाई के इंद्रलोक समिति के संयुक्त तत्वावधान इन्द्रलोक सामुदायिक केन्द्र में रविवार को योग शिविर का विधिवत उद्घाटन किया गया। शिविर में जहाँ इन्द्रलोक वासियो ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। वहीं अन्य जगहों शिवालिक नगर, टिहरी विस्थापित, सुभाष नगर, ज्वालापुर से आये महिला व पुरुषों ने भी अपनी भागीदारी निभाई। योग शिविर प्रारम्भ में सरस्वती बन्दना के पश्चात दीप प्रज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया गया। शिविर में प्रथम दिन पदमासन, ताड़ासन, सूर्य नमस्कार, गोमुखासन , भुजंगासन, मर्कटासन, स्वासन , हंसी व प्रणायाम का अभ्यास कराया गया। इस अवसर पर इंद्रलोक समिति के सचिव विनोद कुमार त्रिपाठी ने योग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि योग भारतीय पुरातन संस्कृति की देन है। हमारे ऋषि-मुनियों ने स्वस्थ जीवन के लिए योगाभ्यास करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा पाश्चात्य संस्कृति और दूषित खान पान के चलते लोग असाध्य बीमारियों से ग्रसित हो गए हैं। इनसे बचने का उपाय योग ही है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ एवं निरोगी रहने के लिए भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में रह रहे विदेशी लोग भी नियमित योगाभ्यास कर इसका अधिक से अधिक लाभ उठाते हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए हम सभी को प्रतिदिन योग की क्रियाएं करनी चाहिए और अपने शरीर को निरोग बनाना चाहिए। । इस मौके पर प्रभा शर्मा, एम एल शर्मा, एस पी मौर्य, अशोक कुमार, धर्म सिंह पाल, शशिबाला, देवेंद्र सक्सेना, यू एन सिंह, मीनू सैनी, जोबिन्दरपाल आर्य, वी के त्रिपाठी, मनोज कुमार शुक्ला, मुख्तयार सिंह, वंदना गुप्ता, जय प्रकाश, सुरेश भट्ट व ओ पी शर्मा जी रहें। कार्यक्रम के मुख्यातिथि चौ0 देवपाल सिंह राठी और मंच संचालन ओ पी शर्मा द्वारा किया गया।
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