मँहगाई पर रोने वालो, देश की हो रही तरक्की पर भी खुशी मनाओ
1 डॉलर 80 रुपये तक पहुँच गया, अब मैसेज आने लगेंगे की मोदीजी ने क्या हाल कर दिया? यह कहने वालो मोदी जी ने उ0प्र0 के बीहडो में भी एक्सप्रेस हाईवे बना दिया है।
लेकिन हम 7 नही 3 समुद्र पार यूरोप चलते है जहाँ यूरो और पाउंड का राज है। 1 यूरो किसी जमाने मे 92 रुपये पर था जो कि अर्थशास्त्री की सरकार के समय की बात है आज वह यूरो 80 पर है, 1 पाउंड 104 को छूकर अब 92 पर आ गया है।
ऑस्ट्रेलियन डॉलर 59 से 53 पर है, मॉरिशियन रूपी 2.5 से कम रहकर 1.7 पर है।
रुपया सिर्फ डॉलर और तेल बेचने वाली करेंसी से मात खा रहा है और जिसने बी कॉम भी किया होगा वो भी जानता है कि ये मात स्थिर नही है। ना भारत सरकार को ना ही भारतीयों को घबराने की जरूरत है हालांकि कुछ कदम उठाने की आवश्यकता है जैसे पेट्रोल।
भारत ने 2022 में 119 अरब डॉलर सिर्फ तेल के लिये खर्च किये है, 119 अरब डॉलर कितना होता है इसे ऐसे समझिये की पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और म्यांमार के पूरे बजट को यदि आप मिला दे तो भी आप 103 डॉलर तक पहुँचेंगे। अर्थात जितना खर्च हमारे पड़ोसी देश सिर्फ खुद को जिंदा रखने के लिये करते है उससे ज्यादा का हम पेट्रोल खरीद चुके है।
भारत मे महंगाई बढ़ी होगी लेकिन भारतीयों की भोग विलासिता के अपने चैप्टर है जो मैं किसी अन्य पोस्ट में लिखूंगा। लेकिन आप ये बिल्कुल मत समझिये की रुपये का हाल बेहाल है हमे सुधारो की जरूरत अवश्य है लेकिन हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे है।
जब मेक इन इंडिया लाया गया था उसका मजाक बना था लेकिन आज भारत मे 100 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्ट अप है जो कि 2014 में 1 या 2 ही थे। भारत ने खुद को प्रतिशत से नही बल्कि गुणा करके बढ़ाया है। जितना हमारे देश मे स्टार्ट अप बढ़ेंगे उतना ही ज्यादा उत्पादन बढ़ेगा और हमारे निर्यात तेजी से बढ़ेंगे।
इसलिए अभी जो समय की मार पड़ रही है उसे सरकार या लोगो की योग्यता से ना जोड़िए हो सकता है आर्थिक मंदी दुनिया मे फैल जाए लेकिन हमें अपना विश्वास सरकार में बनाये रखना होगा। फ्री का सामान बाँटने वाली सरकार पाकिस्तान और श्रीलंका पैदा करेगी।
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