आकाशीय बिजली से बचने के उपाय


 बिजली गिरने की सम्भावना के  ,समय सावधानियां - घर के अंदर और बाहर  

(अनीता वर्मा )

देश में मानसून की बरसात  हर जगह हो रही है ,ऐसे समय में आकाशीय बिजली गिरना एक आम बात है। इससे जहां बड़ी बड़ी दुर्घटनाएं होती है वही जनहानि भी होती है लेकिन हमारी सावधानी से ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है, तो आइए जानते हैं जब आकाशीय बिजली गिरने की संभावना हो तब हमें घर में रहते हुए और बाहर रहते समय क्या-क्या सावधानियां अपनी चाहिए:-


1-मौसम खराब होने पर या बिजली गिरने की आवाज आने पर यथासंभव घर से बाहर न निकलें. 

2-  30/30 बिजली सुरक्षा नियम याद रखें. बिजली देखने के बाद, आप गड़गड़ाहट सुनने के बीच में आप 30 तक गिनती नहीं कर सकते तो घर के अंदर जाएं.  

3-गड़गड़ाहट की आखिरी आवाज सुनने के बाद 30 मिनट तक घर के अंदर रहें. 

4-ऊंचे स्थानों, पहाड़ों, चोटियों, पुलों आदि से उतर जाएं या घर में शरण लें. 

5-पेड़ों के नीचे और विशेष रूप से अलग-थलग पेड़ों के नीचे आश्रय न लें, क्योंकि ये बिजली के अच्छे संचालक होते हैं.  

6-यदि कोई आश्रय उपलब्ध नहीं है,खुद को समेट कर बैठ जाएं.अपने पैरों को एक साथ रखकर सिर नीचे करें, कानों को ढक लें  और आँखें बंद करें. 

7-अगर इस दौरान आप एक समूह में हैं, तो एक दूसरे से अलग हो जाएं.  

8-आपकी गर्दन के पीछे खड़े बाल यह संकेत दे सकते हैं कि बिजली गिरने वाली है.  

9-मोबाइल या किसी अन्य विद्युत उपकरण का प्रयोग न करें। किसी भी खंभे, लोहे या तार के पास खड़े न हों. 

10-घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद कर लें. साथ ही घर के सभी बिजली के उपकरणों को बंद कर दें.

11- बरसात के मौसम में बारिश से बचने के लिए हम लोहे की रोड वाले छाते लेकर चलते हैं जो आकाशीय बिजली का एक अच्छा सुचालक होता है जब आपको लगे कि बहुत तेज बारिश हो रही है बिजली कड़क रही है तो उस छाते को बंद कर ले इससे आप आकाशीय बिजली की चपेट में आने से बच जाएंगे।

बिजली गिरने का शिकार होने पर क्या करें  :-


आईएमडी (भारतीय मौसम विभाग) के अनुसार, किसी व्याक्ति पर बिजली गिरने की स्थिति में आपको तुरंत ये काम करने चाहिए.  


जिस व्याक्ति पर बिजली गिरी है उसे छूना पूरी तरह से सुरक्षित है. 

 जांच लें कि क्या पीड़ित व्यक्ति सांस ले पा रहा है? इसके लिए अच्छी जगह कैरोटिड धमनी है जो आपकी गर्दन में जबड़े के नीचे पाई जाती है. 

 यदि पीड़ित सांस नहीं ले  रहा है, तो तुरंत मुंह से मुंह में सांस दें. यदि जरूरत हो तो  कार्डियक कंप्रेशन (सीपीआर) भी शुरू करें. 



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