जहाँ नारी का सम्मान, वहाँ संस्कृति का उत्थान : शैलदीदी
शांतिकुंज में पांच दिवसीय महिला टोली प्रशिक्षण शिविर का समापन
हरिद्वार ६ जुलाई (
अमर शदाणी संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार)
अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज द्वारा घोषित नारी सशक्तिकरण वर्ष-२०२२ में नारी की भूमिका एवं नारी विकास को लेकर विभिन्न अभियान चलाया रहा है। इसके अंतर्गत समाज के अंतिम छोर में बसे बहिनों के लिए भी कार्यक्रम निर्धारित है। इन कार्यक्रमों के लिए शांतिकुंज से ब्रह्मवादिनी बहिनों की उच्च प्रशिक्षित टोली देश भर में प्रव्रज्या करेंगी। टोली का कार्यक्रम इसी माह के मध्य से प्रारंभ होकर अक्टूबर २०२२ तक चलेगा। करीब तीन माह तक शांतिकुंज की ब्रह्मवादिनी टोली देश भर में शृंखलाबद्ध तरीके से आयोजित कार्यक्रमों, प्रशिक्षण शिविरों का संचालन, नेतृत्व करेंगी।
ब्रह्मवादिनी बहिनों को संबोधित करते हुए संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने कहा कि सम्पूर्ण समाज में पुरुष के समान नारी की भी भूमिका है। नारियों को सम्मान की दृष्टि से जहाँ देखा, समझा व माना जाता है, वह समाज, संस्कृति का सदैव उत्थान होता हुआ चला जाता है। आदिकाल से अब तक इतिहास इसका साक्षी है। शैलदीदी ने कहा कि नारी सशक्तिकरण कार्यक्रमों एवं प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से बहिनों के उत्साह को पोषित करें, आत्म सुरक्षा के भाव को विकसित करें, स्वावलंबी बनने की दिशा में आत्म निर्भर बनने के लिए प्रेरित करें तथा परिवार, समाज के विकास में अपनी प्रतिभा नियोजित करने के लिए उत्साहित करें।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए कार्यक्रम विभाग समन्वयक श्री श्याम बिहारी दुबे ने कहा कि नारी के बिना सृष्टि की कल्पना अधुरी है। नारी है, तो परिवार, समाज व राष्ट्र है। गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पूज्य पं.श्रीराम शर्मा आचार्यश्री ने इक्कीसवीं सदी को नारी सदी कहा है।
पांच दिन चले इस प्रशिक्षण शिविर में कुल पन्द्रह सत्र हुए, जिसमें युगऋषि की बहिनों से आशा व अपेक्षा, नारियों जागो अपने को पहचानों, नारी की गौरव गरिमा, इक्कीसवीं सदी नारी सदी, समयदान का युगधर्म, परिवार निर्माण, यज्ञीय जीवन, आओ गढ़े संस्कारवान पीढी जैसै महत्त्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षणार्थी ब्रह्मवादिनी बहिनों को विस्तृत जानकारी दी गयी। शिविर में श्रीमती शेफाली पण्ड्या, डॉ. गायत्री शर्मा, सुश्री दीना त्रिवेदी, डॉ. ओपी शर्मा, श्री संदीप कुमार, श्री केपी दूबे, श्री वीरेन्द्र तिवारी आदि ने संबोधित किया।
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